नयी दिल्ली: सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कोविशील्ड टीके की उपलब्ध 10 करोड़ नि:शुल्क खुराकों का उपयोग किया जाए जो कोवैक्स व्यवस्था के तहत गावी द्वारा मुहैया कराई जा रही हैं। एक आधिकारिक सूत्र ने यह जानकारी दी।

पुणे स्थित कंपनी ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा कि अगर भारत सरकार ने कोविशील्ड की इन 10 करोड़ नि:शुल्क खुराकों को समय पर नहीं लिया तो महामारी के बीच जीवनरक्षक टीके की ये खुराक बर्बाद हो जाएंगी।

समझा जाता है कि एसआईआई में सरकारी और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा है कि कंपनी गावी की कोवैक्स व्यवस्था के तहत यूनिसेफ के माध्यम से भारत सरकार को 14 करोड़ खुराकों की नि:शुल्क आपूर्ति पहले ही कर चुकी है।

सूत्रों ने कहा कि गावी ने इन 14 करोड़ खुराकों के अलावा भारत सरकार को कोवैक्स व्यवस्था के तहत कोविशील्ड की 10 करोड़ खुराक और नि:शुल्क देने की पेशकश की है।

समझा जाता है कि सिंह ने पत्र में लिखा, ‘‘हमारे देश में कोविड के मामले फिर से बढ़ रहे हैं, ऐसे में गावी द्वारा हमारे नागरिकों के लिए कोविशील्ड की तत्काल उपलब्ध 10 करोड़ नि:शुल्क खुराकों का जल्द से जल्द उपयोग करके कोविड-19 को बढ़ने से रोकने में मदद मिलेगी। यह हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करने की ओर आगे बढ़ने में अहम भूमिका निभाएगा।’’

देश में अब तक कोविड रोधी टीकों की कुल 187.67 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। भारत में 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों को निजी टीकाकरण केंद्रों में एहतियाती तीसरी खुराक लगाने की शुरुआत 10 अप्रैल को हुई थी।

कोविड टीके की दूसरी खुराक लगवाने के नौ महीने के बाद 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोग बूस्टर खुराक लगवा सकेंगे।