नयी दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को निर्देश दिया कि सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को किसी अन्य प्रशासनिक कार्य में नहीं लगाया जाए क्योंकि दसवीं और बारहवीं कक्षाओं के लिए विद्यालय खुल गये हैं।

उन्होंने एक सरकारी आदेश में कहा, ‘‘दिल्ली सरकार के विद्यालयों के शिक्षक मार्च, 2020 में पहला लॉकडाउन लगाये जाने के वक्त से ही कोविड-19 संबंधी कार्यों में अग्रिम मोर्चे पर रहे हैं। जब भी जिला प्रशासन ने उनसे कहा , उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं।’’’

उन्होंने कहा, ‘‘ असल में इस माह के उत्तरार्ध में वे घर घर जाकर सर्वेक्षण करने, कोविड नियमों को लागू करवाले, हवाई अड्डे पर स्क्रीनिंग कार्य आदि में शामिल रहे हैं, उनमें से कुछ ने कोरोना वायरस टीकाकरण परीक्षणा से जुड़ी गतिविधियों में भी हिस्सा लिया। ’’

मंत्री ने कहा, ‘‘ जिंदगी में महामारी की एक बारगी अप्रत्याशित स्थिति के चलते शिक्षकों समेत दिल्ली सरकार के हर अधिकारी की आपात कोविड-19 से जुड़े दायित्वों को पूरा करने की सामूहिक जिम्मेदारी थी। लेकिन आगामी बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए प्रैक्टिकल परीक्षाओं, प्री-बोर्ड परीक्षाओं समेत विशेष कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसा देखा गया है कि जिला स्तरीय अधिकारी शिक्षा निदेशालय से संपर्क किये बगैर ही निदेशालय के विशिष्ट शिक्षकों, उप-प्राचायों एवं प्राचार्यों की सेवाएं मंगा ले रहे हैं। शिक्षा के महत्व एवं कोविड संबंधी आपात ड्यूटी को ध्यान में रखकर जिला स्तरीय अधिकारियों को कभी भी शिक्षक को कोविड संबंधी ड्यूटी के अलावा किसी अन्य प्रशासनिक या क्षेत्रीय कार्य के लिए नहीं बुलाने का निर्देश दिया जाता है।’’