नयी दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्रीय धन का समय पर इस्तेमाल करने और जन-केंद्रित स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने में तेजी लाने की मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अपील की।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कोविड-19 रोधी टीकों की एहतियाती खुराक के कवरेज में तेजी लाने का भी आग्रह किया और इसके लिए टीकाकरण अमृत महोत्सव के तहत सार्वजनिक स्थानों पर शिविर आयोजित किए जाएं।

केंद्रीय मंत्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बात का प्रचार करने की सलाह दी कि लोग एहतियाती खुराक के तौर पर ‘कोरबेवैक्स’ टीका भी लगवा सकते हैं। उन्होंने सार्वजनिक स्थान जैसे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे, स्कूल/कॉलेज, तीर्थ मार्ग और धार्मिक स्थलों में भी टीकाकरण शिविर आयोजित करने की सलाह दी ताकि एहतियाती खुराक लगवाने वाले लोगों की संख्या में इज़ाफा हो सके।

बयान के मुताबिक, आज की तारीख तक 12.36 करोड़ एहतियाती या बूस्टर खुराक लगाई जा चुकी हैं।

मांडविया ने कहा, “ भारत सरकार देश भर में बहु-स्तरीय स्वास्थ्य अवसंरचना नेटवर्क के निर्माण, विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ सहयोगी संघवाद की भावना से काम कर रही है।”

वह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन समेत सरकार की विभिन्न अहम योजनाओं और आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया पैकेज- द्वितीय के तहत विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ ऑनलाइन बातचीत कर रहे थे।

मांडविया ने राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान की प्रगति की भी समीक्षा की और खास ध्यान एहतियाती खुराक पर रहा।

बयान के मुताबिक, मांडविया ने ‘क्रिटिकल केयर इन्फ्रास्ट्रक्चर’ के उन्नयन और सुदृढ़ीकरण के लिए विभिन्न योजनाओं और पैकेजों के तहत राज्यों को आवंटित केंद्रीय निधियों की प्रगति की समीक्षा करने की बैठक की अध्यक्षता की है।

बैठक में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री मनीष सिसोदिया शामिल हुए।

बैठक में राज्यों के जिन स्वास्थ्य मंत्रियों ने हिस्सा लिया, उनमें राजीव सैजल (हिमाचल प्रदेश), वीना जॉर्ज (केरल), के सुधाकर (कर्नाटक), धन सिंह रावत (उत्तराखंड), वी रजनी (आंध्र प्रदेश), केशब महंत (असम), अनिल विज (हरियाणा), बन्ना गुप्ता (झारखंड) , मणि कुमार शर्मा (सिक्किम), टीएम सुब्रमण्यम (तमिलनाडु), टी हरीश राव (तेलंगाना), टी एस सिंह देव (छत्तीसगढ़), बृजेश पाठक (उत्तर प्रदेश) और प्रभुराम चौधरी (मध्य प्रदेश) शामिल हैं।

मांडिवया ने आश्वासन दिया कि सरकार नागरिकों को सुलभ, सस्ती, गुणवत्तापूर्ण और समान जन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कुछ राज्यों में केंद्रीय निधियों के कम उपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि राज्यों को अपने प्रदर्शन सुधार अच्छा करना चाहिए और स्वास्थ्य योजनाओं के त्वरित कार्यान्वयन के लिए केंद्र से धन की मांग करनी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया पैकेज- द्वितीय के तहत धन का जल्द उपयोग करने की जरूरत है, क्योंकि पैकेज दिसंबर 2022 तक ही उपलब्ध है।

मांडविया ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से नियमित आधार पर धन के उपयोग की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करने और पैसे का इस्तेमाल सुनिश्चित करने का आग्रह किया।