नयी दिल्ली, 27 जनवरी । केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से नयी शिक्षा नीति (एनईपी) की मदद से कृषि क्षेत्र को अधिक रोजगारोन्मुख बनाने को कहा है।

आईसीएआर की स्थापना 1929 में हुई थी। यह देश के कृषि क्षेत्र में शोध एवं शिक्षा में संयोजन, निर्देशन और प्रबंधन का शीर्ष निकाय है। 101 आईसीएआर संस्थानों और 71 कृषि विश्वविद्यालयों के जरिये यह कृषि पाठ्यक्रमों की पेशकश करती है।

आईसीएआर ने कृषि शिक्षा को एनईपी के अनुरूप बनाने के तरीके सुझाने को छह सदस्यीय समिति का गठन किया है।

आईसीएआर की 92वीं सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए तोमर ने परिषद और कृषि विश्वविद्यालयों के योगदान पर जोर दिया।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र को नई शिक्षा नीति की मदद से अधिक रोजगारोन्मुख बनाने की जरूरत है।

कृषि वैज्ञानिकों के योगदान की सराहना करते हुए मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय में परिषद ने विभिन्न जरूरी खाद्य फसलों के उत्पादन में वृद्धि के जरिये अपनी उपयोगिता को दिखाया।