नयी दिल्ली/अगरतला : संसद के शीतकालीन सत्र से कुछ दिन पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) त्रिपुरा में भाजपा के खिलाफ लड़ाई को दिल्ली लेकर पहुंच गई है और इसके सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्रालय के बाहर चार घंटे तक धरना देने के बाद सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

शाह से मिले प्रतिनिधिमंडल में सुखेंदु शेखर राय, शांतनु सेन, कल्याण बनर्जी, डेरेक ओ ब्रायन, माला रॉय और 11 अन्य सांसद शामिल थे।

टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, "हमने उन्हें (शाह) विस्तार से बताया कि कैसे नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है और सांसदों को पीटा जा रहा है। उन्होंने हमें बताया कि उन्होंने कल त्रिपुरा के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की थी और हमें आश्वासन दिया कि वह राज्य से रिपोर्ट मांगेंगे।"

वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की योजना बना रही हैं।

टीएमसी प्रमुख ने दिल्ली रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा, "अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान, मैं प्रधानमंत्री से मिलूंगी। राज्य से संबंधित विभिन्न मामलों के अलावा, मैं बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के साथ-साथ त्रिपुरा हिंसा से संबंधित मुद्दों को उठाऊंगी।"

गृह मंत्रालय के बाहर चार घंटे तक चले धरने में टीएमसी के लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों सदस्य शामिल थे जिन्होंने पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा को लेकर गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के खिलाफ उनकी कथित चुप्पी को लेकर नारेबाजी की।

बनर्जी ने कहा कि मानवाधिकार आयोग पूर्वोत्तर राज्य में ‘‘क्रूर बल’’ के इस्तेमाल पर ध्यान क्यों नहीं दे रहा है।

उन्होंने कहा, "त्रिपुरा के मुख्यमंत्री (बिप्लब देब) और उनकी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्देश की अवहेलना कर रही है। उन्हें आम लोगों को जवाब देना होगा। मैं उच्च न्यायपालिका से उनकी सरकार के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करने की अपील करूंगी।"

टीएमसी नेता सुखेंदु शेखर ने कहा, "हम चाहते हैं कि गृह मंत्री हमारी बात सुनें। शाह और मोदी दोनों को त्रिपुरा में हो रही हिंसा पर जवाब देने की जरूरत है।"

पार्टी के एक अन्य सांसद सौगत राय ने कहा कि प्रदर्शन त्रिपुरा में टीएमसी की युवा नेता सायानी घोष की गिरफ्तारी के विरोध में भी था।

टीएमसी सांसद डोला सेन ने कहा कि पार्टी ने 24 घंटे पहले गृह मंत्री से मिलने का समय मांगा था और घंटों धरने पर बैठने के बाद उन्हें शाह से मिलने के लिए आमंत्रित किया गया।

त्रिपुरा पुलिस ने रविवार को घोष को हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया था, जब उन्होंने शनिवार रात ‘‘खेला होबे’’ के नारे लगाकर राज्य के मुख्यमंत्री की एक बैठक को कथित रूप से बाधित कर दिया था।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा था कि घोष को अगरतला के एक थाने में पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

उच्चतम न्यायालय ने हाल में त्रिपुरा पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि किसी भी राजनीतिक दल को शांतिपूर्ण तरीके से प्रचार करने के लिए कानून के अनुसार अपने अधिकारों का उपयोग करने से रोका नहीं जाए।

टीएमसी बार-बार आरोप लगाती रही है कि उसके उम्मीदवारों को त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा के समर्थकों द्वारा प्रचार करने से रोका जा रहा है।

इस बीच, त्रिपुरा में हिंसा को लेकर दिल्ली में सरकार पर अपनी पार्टी के सांसदों के हमले के बीच, टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी राज्य में निकाय चुनाव के प्रचार में हिस्सा लेने पहुंचे जहां उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधा।