नयी दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने सोमवार को स्कूलों से यह दिखाने की अपील की कि देश के प्रमुख स्कूल कितने समावेशी हैं तथा यह सुनिश्चित करने के लिए और क्या किया जा सकता है कि प्रत्येक बच्चे को बेहतरीन शिक्षा मिले।

प्रधान ने दून स्कूल द्वारा आयोजित 82वें इंडियन पब्लिक स्कूल्स कॉन्फ्रेंस (आईपीएससी) प्रिंसिपल्स कॉन्क्लेव के दौरान अपने डिजिटल संबोधन में ये टिप्पणियां कीं।

प्रधान ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) समान एवं समावेशी शिक्षा पर केंद्रित है, जिसका विशेष ध्यान सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समूहों पर है। एक समावेशी कक्षा सभी को असंख्य अनुभवों और दृष्टिकोणों का फायदा पहुंचाती है और इस देश के समक्ष आ रही विभिन्न चुनौतियों को समझती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सम्मेलन में भाग ले रहे सभी स्कूलों से यह दर्शाने का अनुरोध करता हूं कि हमारे प्रमुख स्कूल कितने समावेशी हैं तथा यह सुनिश्चित करने के लिए और क्या किया जा सकता है कि देश में प्रत्येक बच्चे को बेहतरीन शिक्षा मिले।’’

मंत्री ने कहा कि एक ज्ञानी व्यक्ति एक अच्छे और प्रगतिशील समाज का निर्माण करता है। उन्होंने कहा, ‘‘ज्ञान को सीखने, उसे लागू करने तथा दूसरे लोगों तक पहुंचाने की इच्छा ने मानवता को आग की खोज करने से लेकर खेती और आसमान में उड़ान भरने तक पहुंचाया है। यह हम सब में से प्रत्येक का कर्तव्य है कि हम वह करें, जो हमारे बच्चों के लिए सर्वश्रेष्ठ हो, ताकि उन्हें शिक्षा का मौलिक अधिकार मिल सके।’’