लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने रायबरेली रेल कोच कारखाने को सामर्थ्य के सही इस्तेमाल का बेहतर उदाहरण बताते हुए बुधवार को कहा कि वहां वर्षों पहले निवेश हुआ और बड़ी-बड़ी घोषणाएं हुई लेकिन पहला कोच बनकर 2014 के बाद तैयार हुआ।

लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से शिरकत करते हुए प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ये बातें कहीं।

इस अवसर पर उन्होंने एक स्मारक डाक टिकट और एक स्मारक सिक्‍का भी जारी किया।

लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना 1920 में हुई थी। इस साल लखनऊ विश्वविद्यालय अपने 100 साल पूरे कर रहा है।

कार्यक्रम में शामिल छात्रों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘हम कई बार अपने सामर्थ्य का पूरा उपयोग नहीं करते हैं। यही समस्या पहले सरकारी तौर तरीकों में भी थी। जब सामर्थ्य का सही उपयोग ना हो तो क्या नतीजा होता है, इसका एक उदाहरण है रायबरेली का रेल कोच फैक्ट्री।’’

उन्होंने कहा, ‘‘रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री में वर्षों पहले निवेश हुआ, संसाधन लगे, मशीनें लगीं, बड़ी-बड़ी घोषणाएं हुई, लेकिन कई वर्षों तक वहां सिर्फ डेंटिंग-पेंटिंग का ही काम होता था। वर्ष 2014 के बाद हमने सोच बदली, तौर तरीका बदला। परिणाम ये हुआ कि कुछ महीने में ही यहां से पहला कोच तैयार हुआ और आज यहां हर साल सैकड़ों कोच तैयार हो रहे हैं। सामर्थ्य के सही इस्तेमाल का ये एक उदाहरण है।’’

उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े रेल कोच फैक्ट्री की जब भी चर्चा होगी तो वह रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री की होगी।

ज्ञात हो कि रायबरेली संसदीय क्षेत्र पर लंबे समय से गांधी-नेहरू परिवार का कब्जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी यहां का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अभी वहां से सांसद हैं।

प्रधानमंत्री ने कुछ साल पहले तक यूरिया की कमी होने का जिक्र करते हुए कहा कि आज देश में यूरिया कारखाने पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं और इसकी कालाबाजारी पर भी पूरी तरह रोक लग गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘यूरिया किसानों के नाम पर निकलता था और पहुंचाया कहीं और जाता था। इसका बहुत बड़ा खामियाजा देश के किसानों को उठाना पड़ता था। यूरिया की शत प्रतिशत नीम कोटिंग करने की उस समय इच्छाशक्ति नहीं थी। आज आज शत-प्रतिशत हो रही है। देश को आज पर्याप्त मात्रा में यूरिया मिल रहा है।’’

उन्होंने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल के दौरान ही नई तकनीक लाकर पुराने बंद हो चुके कारखानों को दोबारा शुरू ही किया जा रहा है जिनमें गोरखपुर और बरौनी के कारखाने भी शामिल हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस समारोह में शामिल हुए।