नयी दिल्ली, :यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस साल फिर से कीट के प्रकोप के कारण मिर्च उत्पादकों को नुकसान न हो, तेलंगाना के कृषि मंत्री एस निरंजन रेड्डी ने मंगलवार को केंद्र से कहा कि आगामी खरीफ सत्र के दौरान प्रभावी कीट नियंत्रण रसायन उपलब्ध कराया जाये।

इस मुद्दे पर यहां कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात करने के बाद रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना देश के प्रमुख लाल मिर्च उत्पादक राज्यों में से है। राज्य में वर्ष 2021-22 में करीब 3.88 लाख एकड़ में मिर्च की खेती हुई थी।

उन्होंने कहा कि हालांकि, पिछले वर्ष के दौरान, ‘ब्लैक थ्रिप्स’ कीट के संक्रमण के कारण मिर्च का 80 प्रतिशत क्षेत्र प्रभावित हुआ, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ।

तेलंगाना के मंत्री ने तोमर को बताया कि पिछले साल बाजार में उपलब्ध रसायनों के बार-बार छिड़काव के बावजूद किसान कीटों को नियंत्रित नहीं कर सके और उन्हें गंभीर नुकसान का सामना करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि कुछ बड़े किसान संघों के प्रतिनिधिमंडलों ने चिंता व्यक्त की है कि कीट अन्य फूलों वाली सब्जियों, कटे हुए फूलों और फलों तक भी फैल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राज्य के किसानों की चिंता और आगामी खरीफ सत्र में ब्लैक थ्रिप्स कीट के कारण होने वाले भारी नुकसान को देखते हुए, एकीकृत कीट प्रबंधन कार्यक्रम को लागू करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है।’’ राज्य के मंत्री ने केंद्र से केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति को सिनजेंटा इंडिया से आइसोसायक्लोसियम जैसे नए अणुओं को प्राथमिकता के साथ पंजीकृत करने और खरीफ सत्र में तेलंगाना के मिर्च उत्पादकों की मदद करने के लिए वैश्विक स्तर पर ऐसे प्रभावी नए यौगिकों को उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

तेलंगाना के मंत्री ने राज्य में पाम ऑयल की खेती पर भी चर्चा की और तोमर से तेलंगाना में पाम ऑयल पर शोध के लिए एक क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करने का अनुरोध किया।

रेड्डी ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने धान के लिए सबसे अच्छी वैकल्पिक फसल के रूप में पाम ऑयल की पहचान की है और इसलिए वह बड़े पैमाने पर इसकी खेती को बढ़ावा दे रही है।