नयी दिल्ली : बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने अपनी एक समिति की इन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है कि संसाधनों की उपलब्धता और कोविड-19 को लेकर मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए संस्थानों को एलएलबी परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति दी जाए।

बीसीआई ने बृहस्पतिवार को एक प्रेस वक्तव्य में कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति गोविंद माथुर की अध्यक्षता वाली समिति ने सिफारिश की है कि कानूनी शिक्षा प्रदान करने वाले प्रत्येक विश्वविद्यालय और केंद्र को संसाधनों की उपलब्धता और उस क्षेत्र में कोविड-19 के प्रभाव के आधार पर अपने विवेक से इंटरमीडिएट और अंतिम वर्ष के विधि छात्रों की परीक्षाएं करानी चाहिए।

सभी विधि शिक्षण संस्थानों द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षा के आयोजन को अनिवार्य बताते हुए समिति ने कहा कि विश्वविद्यालय और केंद्र इस बारे में निर्णय लेने के लिये स्वतंत्र हैं कि परीक्षा ऑनलाइन, ऑफलाइन, ऑनलाइन ओपन बुक या असाइनमेंट अथवा शोधपत्र आदि में से किसी प्रारूप में कराई जाएगी।

देश में विधि शिक्षण के नियामक के नाते बीसीआई ने महामारी के मद्देनजर इंटरमीडिएट सेमेस्टर परीक्षा, मूल्यांकन तथा प्रोन्नति के प्रारूप पर विचार-विमर्श के लिए विशेषज्ञों की उच्चस्तरीय समिति बनाई थी।