मिर्जापुर 2  का बेसब्री से इंतजार कर रहे लोगों का इंतजार कल नियत समय से कुछ घंटे पहले ही खत्म हो गया। प्राइम वीडियो ने गुरुवार रात नौ बजे के करीब रिलीज करके लोगों को सरप्राइज कर दिया। 'मिर्जापुर 2' कहानी में पहले सीजन की तरह घात-प्रतिघात खूब है और दिवाली से पहले ही इसमें गोली, बारूद और तमंचों की आतिशबाजी भी जमकर है।

हालांकि, कहीं-कहीं खासकर पहले दो एपिसोड में कहानी थोड़ी स्लो लग सकती है पर ओवरऑल पहले सीजन के मुकाबले ज्यादा इन्टेन्स है। एक बात और, पहले सीजन के उलट 'मिर्जापुर 2' में महिलाएं सिर्फ सेक्स ऑब्जेक्ट नहीं हैं। इस पार्ट में महिलाओं का कैरेक्टर स्ट्रॉन्ग है। कालीन भैया यानी पंकज त्रिपाठी एक बार फिर अपने किरदार में कमाल कर रहे हैं। कालीन भैया के बेटे मुन्ना त्रिपाठी का किरदार निभा रहे दिव्येंदु शर्मा ने अक्खड़ और बिगड़ैल युवक के रूप में पहली सीरीज में जो उम्मीद जगाई थी, उसे मिर्जापुर 2 में भी बरकरार रखा है।

अब बात करते हैं कथानक की। इस बार कहानी पिछली बार से ज्यादा ट्विस्ट के साथ हमारे सामने आती है। 'मिर्जापुर 2' की कहानी केवल राजा के बारे में नहीं है बल्कि उनके सिपाहियों, रानियों और उनकी लॉयल्टी की भी है। कहानी पिछली बार की ही तरह काफी ग्रिपिंग भी हैं और समझने में आसान भी। हां, बीच में कुछ ऐसे सीन भी हैं, जिन्हें देखते हुए धैर्य की जरूरत होती है तो कुछ ऐसे सीन भी होंगे जिन्हें देखते हुए आपका मुंह खुला का खुला रह जाएगा। गुड्डू पंडित और गोलू गुप्ता, मुन्ना त्रिपाठी, कालीन भैया की बीवी बीना त्रिपाठी और शरद शुक्ला सभी मिर्जापुर की गद्दी पाने के लिए किसी पर भी घात करते दिखते हैं।

अली फजल उर्फ गुड्डू पंडित  'मिर्जापुर की गद्दी' के साथ भाई (विक्रांत मेसी) और पत्नी की मौत का बदला लेने आए हैं और इसमें उनका साथ देती है श्वेता त्रिपाठी यानी गोलू। गुड्डू पूरी सीरीज में घायल हैं और कदम-कदम पर गोलू उनका साथ दे रही हैं। जहां ये दोनों अपने बदले की तैयारी में लगे हैं, वहीं पिछली बार की ही तरह दिव्येंदु शर्मा यानी मुन्ना त्रिपाठी खुद को 'योग्य' साबित करने में जुटे हुए हैं। सीरीज में जान डालने वाले कालीन भैया (पंकज त्रिपाठी) एक मजबूर पिता-पति के रूप में ही नजर आ रहे हैं। जहां 'बदले' और खुद को 'योग्य' साबित करने की होड़ में ये पुराने खिलाड़ी एक-दूसरे से टक्कर ले रहे हैं, वहीं नई एंट्री रतिशंकर शुक्ला के बेटे शरद शुक्ला की हुई है, जो मिर्जापुर को अपना बनाकर अपने पिता का सपना पूरा करना चाहते हैं। शरद का किरदार अंजुम शर्मा निभा रहे हैं। 'मिर्जापुर 1' की कहानी मिर्जापुर और जौनपुर तक सीमित थी, लेकिन इस बार उसका विस्तार लखनऊ और बिहार के सिवान तक हुआ है। पॉलिटिक्स के तड़के के साथ कहानी में कुछ ऐसे नए ट्विस्ट और टर्न्स आएंगे, जिन्हें देखकर आप कहानी को रीयल लाइफ से जोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे।