लखनऊ में विविध भारती में एक रेडियो अनाउंसर  के तौर पर अपने करियर की शुरुआत करने वाली और बाद में एक रंगकर्मी और फिल्म अभिनेत्री के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाली अभिनेत्री फारुख जाफर का आज लखनऊ में निधन हो गया. वो 88 साल की थीं और लम्बे समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहीं थीं.

 

फारुख जाफर ने 1981 में रिलीज हुई मुजफ्फरपुर अली निर्देशित और रेखा स्टारर चर्चित फिल्म 'उमराव जान' से अपना फिल्मी करियर शुरू किया था. इस फिल्म में उन्होंने रेखा की मां का रोल अदा किया था. मगर किन्हीं वजहों से लगभग दो दशक तक वो फिल्मी दुनिया की चमक-दमक से दूर रहीं.

 

गौरतलब है कि 23 साल बाद फारुख जाफर एक बार फिर सिनेमा के पर्दे पर तब नजर आईं जब उन्होंने शाहरुख खान स्टारर फिल्म में काम किया था. 'उमराव जान', 'स्वदेश' के अलावा फारुख जाफर ने आमिर खान द्वारा प्रोड्यूस की गई 'पीपली लाइव', सलमान खान अभिनीत 'सुल्तान', प्रकाश झा निर्देशित 'चक्रव्यूह' और कंगना रनौत स्टारर 'तनु वेड्स मनु' में में भी अभिनय किया था. 

 

उत्तर प्रदेश के जौनपुर के एक जमींदार परिवार से ताल्लुक रखनेवाली फारूख जाफर की आखिरी फिल्म शूजीत सरकार द्वारा डायरेक्ट की गई और 2020 में रिलीज हुई 'गुलाबो सिताबो' थी, जो कोरोना काल में सिनेमाघरों में रिलीज होने के बजाय सीधे तौर पर ओटीटी प्लेटफॉर्म (अमेजॉन) पर रिलीज हुई थी. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना मुख्य भूमिकाओं में थे और फारूख जाफर ने फिल्म में अमिताभ बच्चन की मां का रोल निभाया था. उल्लेखनीय है उन्हें 'गुलाबो सिताबो' में फातिमा बेगम के किरदार के लिए सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री के तौर पर फिल्मफेयर अवॉर्ड से भी नवाजा गया था. इस तरह से एक एक्टर के तौर पर फिल्मफेयर पुरस्कार जीतनेवाली वो सबसे उम्रदराज़ अभिनेत्री बन गईं थीं.

 

 

इन‌ सभी फिल्मों के अलावा उन्होंने 'अनवर का अजब किस्सा' , 'अलीगढ़', 'पार्च्ड', 'सीक्रेट सुपरस्टार', 'फोटोग्राफ' जैसी फिल्मों में भी चरित्र भूमिकाएं निभाईं थीं. 

 

फारूख जाफर की शादी 13 साल की उम्र में आजादी के संघर्ष में योगदान देनेवाले और बाद में एक पत्रकार के तौर पर अपनी पहचान बनानेवाले सैयद मोहम्मद जाफर से हुई थी. शादी के बाद फारुख जाफर ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और बाद में लखनऊ में ऑल इंडिया रेडियो में अनाउंसर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी.