चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिल फिल्म ‘जयभीम’ में कथित तौर पर वन्नियार समुदाय को खराब संदर्भ में प्रस्तुत करके उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए चेन्नई पुलिस द्वारा अभिनेता सूर्या शिवकुमार और निर्देशक टी.जी. ज्ञानवेलराजा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी बृहस्पतिवार को रद्द कर दी।

न्यायमूर्ति एन. सतीश कुमार ने दोनों कलाकारों की ओर से दायर याचिका पर आदेश जारी करते हुए संबंधित प्राथमिकी रद्द कर दी।

यह आरोप लगाते हुए कि फिल्म में वन्नियारों को खराब संदर्भ में दिखाया गया है, रुद्र वन्नियार सेना के सदस्य एवं वकील के. संतोष ने सैदापेट में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट का दरवाजा खटखटाया था और फिल्म निर्माता एवं अभिनेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए छह मई को एक आदेश प्राप्त किया था। तदनुसार, वेलाचेरी पुलिस ने 17 मई को सूर्या और ज्ञानवेलराजा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। दोनों कलाकारों ने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

अपनी याचिका में सूर्या और ज्ञानवेलराजा ने दलील दी थी कि फिल्म तत्कालीन वकील के. चंद्रू द्वारा किए गए एक मुकदमे पर आधारित थी, जो बाद में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने थे। न्यायमूर्ति चंद्रू और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक पेरुमलसामी को छोड़कर, अन्य सभी पात्रों के नाम बदल दिए गए थे।

फिल्म को सेंसर बोर्ड ने 'ए' सर्टिफिकेट दिया था।

याचिकाकर्ताओं का कहना था कि मजिस्ट्रेट ने अपने विवेक का इस्तेमाल किये बिना ही प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश जारी कर दिया था।