नयी दिल्ली, नेशनल दुनिया। लेखक-गीतकार जावेद अख्तर ने उच्चतम न्यायालय में कैविएट दायर कर अनुरोध किया है कि बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली के खिलाफ मुंबई में लंबित मामलों को शिमला की अदालत में स्थानांतरित करने की उनकी याचिका पर सुनवाई से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए।

कैविएट किसी वादी द्वारा उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय में यह सुनिश्चित करने के लिये डाली जाती है कि उसका पक्ष सुने बिना उसके खिलाफ कोई विपरीत आदेश पारित नहीं किया जाए।

मुंबई में मुकदमे की सुनवाई के दौरान अपनी जान को खतरा होने का आरोप लगाते हुए अभिनेत्री और उनकी बहन ने कहा था कि उन्हें आशंका है कि इन मामलों की सुनवाई अगर मुंबई में हुई तो उनके जीवन और संपत्ति पर ‘गंभीर खतरा’ होगा क्योंकि शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार उन्हें “परेशान” कर रही है।

अख्तर ने टीवी साक्षात्कारों में उनके खिलाफ कथित तौर पर मानहानिकारक और निराधार टिप्पणी करने के लिये रनौत के खिलाफ अंधेरी के मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट के समक्ष आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी।

उन्होंने अभिनेत्री के खिलाफ आईपीसी की प्रासंगिक धाराओं में कार्रवाई की मांग की है।

शिकायत में कहा गया कि रनौत ने अख्तर के खिलाफ निराधार टिप्पणी की, जिनसे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ।

रनौत ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और शिकायतों की सुनवाई के स्थानांतरण की मांग की है। इन शिकायतों में अख्तर द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत भी शामिल है।