नई दिल्ली :  कपूर खानदान बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान रखता है. इस फैमिली के अपने नियम कायदे हैं और जिसे परिवार के ज्यादातर लोग फॉलो भी करते हैं. इस परिवार का एक नियम है कि शादी के बाद घर की बहुएं फिल्मों में काम नहीं करतीं. ये नियम बेटियों पर पहले से ही लागू होता है

लेकिन करिश्मा कपूर ने इस नियम को तोड़कर फिल्म इंडस्ट्री में अपना मुकाम हासिल किया. इस परिवार की एक बहू शम्मी कपूर की पत्नी और एक्ट्रेस गीता बाली पहले ही तोड़ चुकी थीं. आज एक्ट्रेस गीता बाली की डेथ एनिवर्सरी पर हम आपको बताने जा रहे हैं उनकी जिंदगी के ऐसे ही अनसुने किस्से.

गीता बाली का जन्म 1930 में सरगोधा शहर में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है. गीता बाली का असली नाम हरकीर्तन कौर था. गीता बाली का परिवार भारत-पाकिस्तान बंटवारा होने से पहले ही मुंबई में आकर बस गया था. गीता के माता-पिता आधुनिक खयालात के लोग थे इसलिए उन्हें फिल्मों में काम करने में परेशानी नहीं हुई.गीता बाली शास्त्रीय संगीत, घुड़सवारी और डांस में निपुण थीं. गीता बाली के भाई का नाम दिग्विजय सिंह था. दिग्विजय सिंह भी फिल्म डायरेक्टर थे और 1952 में अपने भाई की ही फिल्म ‘राग रंग’ में गीता बाली ने अशोक कुमार के साथ काम किया था.

महज 12 साल गीता बाली के करियर की शुरूआत फिल्म कोबलर हुई थी. साल 1946 में गीता बाली फिल्म ‘बदनामी’ से बतौर बॉलीवुड एक्ट्रेस के र्रोप में नज़र आईं. 1950 गीता बाली के फिल्मी करियर का सबसे कामयाब दशक था. गीता बाली इस दशक की टॉप बॉलीवुड अभिनेत्रियों में गिनी जाती थीं. 1963 में रिलीज़ हुई ‘जब से तुम्हें देखा’ उनकी आखिरी फिल्म थी. अपने 10 साल के फिल्मी करियर में गीता ने 70 से भी ज़्यादा फिल्मों में काम किया था.