नई दिल्ली। बॉलीवुड में ‘खामोशी’ से बतौर निर्देशक कदम रखन वाले संजय लीला भंसाली आज इंडस्ट्री के दिग्गज डायेक्टर्स में से एक हैं। भंसाली ने अपना करियर विधु विनोद चोपड़ा के साथ बतौर सहायक निर्देशक शुरू किया था,

लेकिन आज वो ख़ुद बॉलीवुड के बड़े निर्देशकों के नाम में गिने जाते हैं। 24 फरवरी 1963 को एक गुजराती परिवार में जन्मे संजय लीला भंसाली आज सिर्फ एक नाम नहीं ब्रांड बन चुके हैं, लेकिन यहां तक पहुंचना भंसाली के लिए भी ज़ाहिर तौर पर आसान नहीं था। बचपन में भंसाली ने भी मुश्किलों का सामना किया था।

यूं तो डायरेक्टर ने कभी अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में ज्यादा खुलकर बात नहीं की है, लेकिन विकिपीडिया की रिपोर्ट और खबरों की मानें तो संजय लीला भांसाली की मां कपड़े सिलने का काम करती थीं और घर चलाती थीं। मां की इस मेहनत और संघर्ष की वजह से भंसाली को अपनी मां से खास लगाव है रिपोर्ट्स की मानें तो संजय ने अपनी मां को ट्रीब्यूट देने के लिए ही अपने नाम के बीच में उनका नाम 'लीला' नाम जोड़ा है।

प्रोफेशनल लाइफ की बात करें संजय लीला भंसाली ने हिंदी सिनेमा को कई बेहतरीन फिल्में दीं, लेकिन उनके करियर में कुछ फिल्में ऐसी थीं जो मील का पत्थर साबित हो गईं। जैसे, हम दिल दे चुके सनम, देवदास, ब्लैक, गोलियों की रासलीला रामलीला, बाजीराव मस्तानी, पद्मावत... भंसाली के करियर की ये वो फिल्में हैं जिनकी गूंज बॉलीवुड में अब भी सुनाई देती है, और शायद सालों साल सुनाई देती रहेगी।

संजय लीला भंसाली कितने सफल निर्देशक हैं इस बात का अंदाज़ा इसी से लगा लीजिए कि डायेक्टर अपनी झोली में नेशनल अवॉर्ड से लेकर फिल्मफेयर और बाफ्टा अवॉर्ड तक डाल चुके हैं। भंसाली की फिल्म ‘देवदास’ को बेस्ट पॉपुलर श्रेणी में नेशनल अवॉर्ड मिला था। इसके बाद उनकी फिल्म ‘ब्लैक’ को बेस्ट फीचर फिल्म कैटेगरी में नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।