हैदराबाद : तेलुगू फिल्मों के गीतकार ‘सिरीवेन्नेला’ सीताराम शास्त्री का मंगलवार को यहां एक निजी अस्पताल में फेफड़ों के कैंसर से संबंधित जटिलताओं के कारण निधन हो गया। वह 66 वर्ष के थे।

उन्हें पद्म श्री और कई अन्य पुरस्कारों से नवाजा गया था।

अस्पताल ने एक विज्ञप्ति में बताया कि शास्त्री को 24 नवंबर को निमोनिया की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह गहन चिकित्सा इकाई में थे।

शास्त्री ने ‘सिरीवेन्नेला’, ‘स्वर्ण कमलम’, ‘शुभ लग्नम’, ‘रुद्रवीणा’ और कई अन्य फिल्मों में अपने शानदार गीतों के साथ तेलुगू भाषी लोगों पर एक अमिट छाप छोड़ी है। वह जाने-माने निर्देशक के. विश्वनाथ की 1986 में आई फिल्म ‘सिरीवेन्नेला’ से लोकप्रिय हुए।

इसके बाद उन्हें 'सिरीवेन्नेला' सीताराम शास्त्री के नाम से जाना जाने लगा, हालांकि उनका उपनाम चेम्बोलु था।

उन्होंने लगभग तीन हजार गाने लिखे और अन्य सम्मानों के अलावा, कई बार आंध्र प्रदेश सरकार का नंदी पुरस्कार प्राप्त किया है। उन्होंने प्रसिद्ध पार्श्व गायक एस पी बालासुब्रमण्यम के साथ एक मजबूत जोड़ी बनाई, विशेष रूप से के. विश्वनाथ की फिल्मों में।

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वह उन लोगों में शामिल हैं, जो दिवंगत गीतकार के गीतों के प्रशंसक थे। उन्होंने कहा कि शास्त्री ने अपने गीतों में तेलुगू भाषा और मूल्यों को प्रधानता दी।

उन्होंने शास्त्री के परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।

केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू, अभिनेता चिरंजीवी, के. विश्वनाथ और कई तेलुगू फिल्मी हस्तियों ने सीताराम शास्त्री के निधन पर शोक व्यक्त किया।