वाशिंगटन: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जो बाइडन प्रशासन के साथ-साथ अमेरिका के कॉरपोरेट क्षेत्र के दिग्गजों ने भारत सरकार के सुधारों को काफी सकारात्मक कदम बताया है। वित्त मंत्री ने कहा कि विशेषरूप से अमेरिका की कंपनियां पिछली तारीख से कराधान को समाप्त किए जाने के फैसले से काफी खुश हैं।

अगस्त में संसद ने विधेयक पारित कर पिछली तारीख से कराधान को समाप्त कर दिया था। इसके तहत तहत कर विभाग को 50 साल तक पुराने मामले में भी पूंजीगत लाभ कर लगाने का अधिकार था। इस कानून को समाप्त किए जाने के बाद सरकार को अब कंपनियों से पिछली तारीख के कराधान के जरिये वसूली गई राशि को वापस लौटाना होगा। इसके लिए कंपनियों को भी सरकार के खिलाफ इस तरह के मामलों में सभी कानूनी मुकदमों को वापस लेना होगा।

सीतारमण ने कहा, ‘‘हमने जो सुधार किए हैं, विशेषरूप से पिछली तिथि से कर को समाप्त करने का फैसला, अमेरिकी प्रशासन ने उसे काफी सकारात्मक कदम बताया है।’’

सीतारमण ने शुक्रवार को वाशिंगटन डीसी चरण की अपनी अमेरिका यात्रा समाप्त होने पर संवाददाताओं से कहा कि कॉरपोरेट जगत के लोगों ने भी इस फैसले की सराहना की है।

वाशिंगटन से वित्त मंत्री न्यूयॉर्क जाएंगी जहां वह कारोबारी समुदाय के साथ परिचर्चा में भाग लेंगी। उसके बाद वह स्वदेश रवाना होंगी। सीतारमण ने अपनी एक सप्ताह की यात्रा सोमवार को बोस्टन से शुरू की थी।

अमेरिका के साथ व्यापार करार पर एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा, ‘‘मेरी निगाह निवेश को प्रोत्साहन देने वाला समझौते पर है। इसके लिए हमारे पास दिसंबर तक का समय है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी इस पर बातचीत हुई है। दोनों देश इस पर वार्ता को आगे बढ़ाना चाहते हैं और इसे जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं।’’

सीतारमण ने कहा कि जहां तक व्यापार के बड़े मुद्दे का प्रश्न है, तो इसपर वाणिज्य मंत्रालय अमेरिका के अपने समकक्ष के साथ काम कर रहा है। ‘‘इसमें मैं ज्यादा गहराई से शामिल नहीं हूं।’’

कोविड-19 महामारी के बाद यह सीतारमण की पहली अमेरिका यात्रा है। इससे पहले वाणिज्य एवं रक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) तथा विश्वबैंक की वार्षिक बैठकों में शामिल होने के अलावा वित्त मंत्री ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान भारत के आर्थिक पुनरुद्धार को रेखांकित किया। साथ ही उन्होंने भारत सरकार की दीर्घावधि के सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता भी जताई है।