लंदन : कोरोना वायरस टीकों की खुराकों के मिश्रण और मिलान से होने वाले लाभों का आकलन करने के लिए किए जा रहे एक अध्ययन का दायरा बढ़ाते हुए इसमें मॉडर्ना और नोवावैक्स टीकों को भी शामिल किया गया है।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नेतृत्व में ‘‘कॉम-कोव’’ अध्ययन में स्वयंसेवियों को ऑक्सफोर्ड / एस्ट्राजेनेका टीके दिए जाने के बाद फाइजर टीके देने पर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पर गौर किया जा रहा है। यह अध्ययन फरवरी से चल रहा है और इसमें टीके लगाए जाने की कड़ी का उलटे क्रम में भी पालन किया जा रहा है।

अध्ययन का दायरा बढ़ाने के बाद अब 50 से अधिक आयु के लोगों को इसमें शामिल करने पर जोर दिया जाएगा जिन्होंने पिछले आठ से 12 हफ्तों में टीकों की पहली खुराक ली है। उन्हें अन्य टीके की दूसरी खुराक दिए जाने के बाद उनमें प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पर गौर किया जाएगा।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और इस अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता मैथ्यू स्नेप ने कहा कि इसका तथा मूल अध्ययन का मकसद यह पता लगाना है कि क्या उपलब्ध विभिन्न कोविड टीकों का पहली और दूसरी खुराक के रूप में अधिक लचीलेपन के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि अगर यह पता लगता है कि मिश्रित टीकाकरण में भी वैसी ही प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होती है जो मानक प्रक्रिया में मिलती है तथा इसमें टीके का प्रतिकूल असर नहीं होता है तो इससे अधिक संख्या में लोगों को टीकों की खुराकें पूरा करने में मदद मिलेगी। साथ ही ऐसी स्थिति में टीकाकरण में भी तेजी आ सकेगी।