लंदन : यूनाइटेड किंगडम की सभी राजधानियों और नौसैनिक पोतों ने शनिवार को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पति और ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग दिवंगत प्रिंस फिलिप को तोपों की सलामी दी। प्रिंस फिलिप का 99 साल की उम्र में शुक्रवार को विंडसर कैसल में निधन हो गया।

लंदन, कार्डिफ, बेलफास्ट और एडिनबर्ग में शनिवार दोपहर से प्रत्येक मिनट पर एक गोला दागे जाने की दर से 41 तोपों की सलामी के साथ देश में आठ दिन के राष्ट्रीय शोक की शुरुआत हुई।

शाही परिवार की वेबसाइट पर पोस्ट बयान के अनुसार, ‘‘महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अवसरों पर देश भर में तोपों की सलामी देने की परंपरा कम से कम 18वीं सदी से शुरू हुई और कुछ ऐतिहासिक रिकॉर्ड के अनुसार 14वीं सदी में भी तोपों की सलामी दी गई है। उस दौरान बंदूकें, तोप और बारुद बड़े पैमाने पर बनना शुरू हुआ था।’’

उसमें कहा गया है, ‘‘महारानी विक्टोरिया के निधन पर 1901 में भी ऐसे ही तोपों की सलामी दी गई थी।’’

उन्होंने सेना के साथ ड्यूक के संबंधों का भी सम्मान किया। ड्यूक ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश नौसेना के साथ काम किया था।

ब्रिटेन के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल निक कार्टर ने कहा, ‘‘प्रिंस सशस्त्र बलों के लिए बहुत अच्छे मित्र, प्रेरक और आदर्श थे। हम उन्हें बहुत याद करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हमारे (सेना के) साथ काम किया था और पूरी जिंदगी रॉयल नौसेना और सशस्त्र बलों के लिए समर्पित रहे। उन्होंने अच्छी जिंदगी जी, प्रिंस अपने पीछे समृद्ध विरासत छोड़कर जा रहे हैं। वर्तमान और पूर्व, सभी सैनिकों की ओर से उनको धन्यवाद।’’

लोगों को तोपों की सलामी दूर से देखने की सलाह दी जा रही है और उनका टीवी पर तथा ऑनलाइन प्रसारण हो रहा है।

कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर बकिंघम पैलेस ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे बड़ी संख्या में महल के बाहर एकत्र ना हों और ड्यूक की याद में फूल चढ़ाने की जगह जरुरतमंदों की मदद के लिए पैसे दान करें।

पैलेस की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन ‘बुक ऑफ कंडोलेंस’ जारी किया गया है।

शुक्रवार को ड्यूक के निधन की घोषणा करते हुए बकिंघम पैलेस ने कहा था, ‘‘महारानी बेहद दुख के साथ अपने प्रिय पति के निधन की सूचना दे रही हैं। राजपरिवार और दुनिया भर के लोग उनके जाने का शोक मना रहे हैं।’’