काठमांडू, चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही ने रविवार को नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली से मुलाकात की और नेपाली सेना प्रमुख जनरल पूर्ण चंद्र थापा से द्विपक्षीय हितों के अनेक विषयों पर चर्चा की।

इस मुलाकात का उद्देश्य द्विपक्षीय सैन्य सहयोग को मजबूत करना और मौजूदा दोस्ताना संबंधों को नयी ऊंचाई पर पहुंचाना है।

नेपाली सेना ने एक बयान में कहा कि जनरल वेई ने नेपाल की अपनी एक दिन की ‘कामकाजी’ यात्रा के दौरान यहां सेना मुख्यालय में सेना प्रमुख जनरल थापा से द्विपक्षीय वार्ता की।

बयान के अनुसार, ‘‘दोनों ने द्विपक्षीय हितों के विभिन्न विषयों पर सौहार्दपूर्ण बातचीत की।’’

सेना ने बयान में कहा, ‘‘इसके बाद मुख्य रूप से प्रशिक्षण और विद्यार्थियों के विनिमय कार्यक्रम को बहाल करने और रक्षा सहायता जारी रखने से संबंधित विषयों पर प्रतिनिधिमंडल स्तर का द्विपक्षीय विचार-विमर्श हुआ जो कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित हुए हैं।’’

चीन के रक्षा मंत्री के नेतृत्व में 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल नेपाल आया है।

नेपाल की सेना ने कहा कि चीन के रक्षा मंत्री ने दोनों संबंधों में प्रस्तावों पर सकारात्मक विचार किया और कहा कि द्विपक्षीय सहयोग जल्द से जल्द बहाल होना चाहिए जिसमें उच्चस्तरीय यात्राएं शामिल हों।

बयान के अनुसार जनरल वेई ने कोविड-19 महामारी से लड़ने में नेपाल की सेना को अतिरिक्त सहायता देने का संकल्प जताया।

नेपाली सेना ने भी विश्वास जताया कि उनकी यात्रा दोनों देशों की सेनाओं के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को और मजबूत करने तथा उनका विस्तार करने में सहायक होगी।

जनरल वेई ने सेना मुख्यालय में आयोजित अनेक कार्यक्रमों में भाग लिया।

बयान के अनुसार, ‘‘द्विपक्षीय मुलाकात के बाद जनरल वेई और उनके प्रतिनिधिमंडल के सामने नेपाली सेना के इतिहास तथा भूमिकाओं पर संक्षिप्त प्रस्तुतिकरण दिया गया।’’

चीन के रक्षा मंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।

उन्होंने राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और प्रधानमंत्री ओली से भी शिष्टाचार भेंट की। प्रधानमंत्री ही नेपाल के रक्षा मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे हैं।

इससे पहले गृह मंत्री राम बहादुर थापा ने त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन पर जनरल वेई का स्वागत किया।

जनरल वेई ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी यात्रा का मकसद उन द्विपक्षीय सहमतियों को लागू करना है, जो अतीत में दोनों देशों की सरकारों के बीच बनी थीं।

वेई ने कहा कि उनकी यह यात्रा नेपाल और चीन के बीच द्विपक्षीय सैन्य सहयोग को बढ़ावा देगी और दोनों देशों के मौजूदा संबंधों को नयी ऊंचाई पर ले जाएगी।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष अक्टूबर में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग दो दिन की नेपाल यात्रा पर आए थे और उसके बाद चीन की यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा है।

उनकी यह यात्रा भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की नेपाल की दो दिवसीय यात्रा के बाद हो रही है।

इससे पहले नवंबर के पहले सप्ताह में भारत के सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने नेपाल का तीन दिवसीय दौरा किया था। उनकी यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के चलते संबंधों में आई तल्खी को दूर कर द्विपक्षीय संबंधों को दोबारा पटरी पर लाना था।