बीजिंग : चीन ने भारतीय नाविकों (क्रू) वाले वाणिज्यिक जहाजों पर गैर-आधिकारिक प्रतिबंध की खबरों को खारिज किया है। चीन ने कहा है कि उसने अपने बंदरगाहों पर भारतीय क्रू वाले वाणिज्यिक जहाजों के लंगर डालने पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई है और इस तरह की खबरें ‘सहीं’ नहीं हैं।

गैर-आधिकारिक प्रतिबंध संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि संबंधित विभागों से विचार-विमर्श के बाद यह तथ्य सामने आया है कि चीन ने इस तरह का कोई अंकुश नहीं लगााया है।

उन्होंने कहा, ‘हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि चीन ने इस तरह का कोई गैर-आधिकारिक प्रतिबंध नहीं लगाया है। इस बारे में भारतीय मीडिया में आई खबरें सही नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा कि मीडिया में आईं इस तरह की खबरें सही नहीं हैं।

इससे पहले अखिल भारतीय नाविक और सामान्य श्रमिक संघ ने हजारों भारतीय नाविकों की नौकरियों को बचाने के लिए केंद्र सरकार की मदद मांगी थी। संघ का कहना था कि कंपनियां उन्हें चीन जाने वाले जहाजों के लिए भर्ती नहीं कर रही हैं।

केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को लिखे एक पत्र में नाविक के निकाय ने दावा किया है कि इस कारण से 20,000 से अधिक नाविक ‘घर’ पर हैं।

यूनियन ने अपने ट्विटर हैंडल पर डाले गए पत्र में कहा, ‘‘मार्च, 2021 से कोई भी जहाज चीन के बंदरगाह पर पहुंच रहा है और उस पर यदि भारतीय नाविकों का दल है तो सरकार उन जहाजों को प्रवेश की अनुमति नहीं दे रही है।

यूनियन का कहना है कि विभिन्न जहाजों पर 80 प्रतिशत नाविक भारत से आते हैं। उनके बिना जहाजरानी उद्योग बुरी तरह प्रभावित होगा।

इससे पहले भारतीय क्रू वाले दो वाणिज्यिक जहाजों को अन्य देशों के बंदरगाहों की ओर जाना पड़ा था, क्योंकि चीन के बंदरगाहों पर लंगर डालने के लिए इन्हें महीनों इंतजार करना पड़ा था।