कुवैत सिटी : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कुवैत के प्रधानमंत्री शेख सबाह खालिद अल हमाद अल सबाह से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच साझेदारी को ऊंचाइयों पर ले जाने की उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की।

तेल संपन्न देश की अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा पर आज कुवैत पहुंचे जयशंकर कुवैत के सुल्तान शेख नवाफ अल अहमद अल सबाह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक व्यक्तिगत पत्र भी ले गए हैं।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री शेख सबाह खालिद अल हमाद अल सबाह से मुलाकात की। राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ पर बधाई दी। हमारी भागीदारी को ऊंचाइयों पर ले जाने की उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की। कोविड-19 के खिलाफ हमारी संयुक्त लड़ाई से हमारे ऐतिहासिक संबंधों को नयी मजबूती मिली है।’’

कुवैत के विदेश मंत्री और कैबिनेट मामलों के राज्य मंत्री, शेख अहमद नासिर अल-मोहम्मद अल-सबाह के निमंत्रण पर जयशंकर यहां पहुंचे हैं। बतौर विदेश मंत्री यह उनकी पहली कुवैत यात्रा है।

जयशंकर के यहां हवाईअड्डे पर पहुंचने पर कुवैत के कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री अब्दुल रजाक अल खलीफा और राजदूत जासिम अल नाजेम ने उनकी अगवानी की। कुवैत में भारतीय राजदूत सिबी जॉर्ज और वरिष्ठ भारतीय अधिकारी भी हवाईअड्डे पर उपस्थित थे।

दोनों देशों ने करीब तीन महीने पहले ऊर्जा, व्यापार, निवेश और श्रम तथा सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए रूपरेखा बनाने के उद्देश्य से एक ‘मंत्री स्तरीय संयुक्त आयोग’ स्थापित करने का निर्णय किया था।

कुवैत के विदेश मंत्री शेख अहमद ने मार्च में भारत की यात्रा की थी और उस दौरान दोनों पक्षों ने संयुक्त आयोग के गठन का फैसला किया था।

जयशंकर की यात्रा से पहले नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यात्रा के दौरान वह उच्चस्तरीय बैठकें करेंगे और कुवैत में भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे।

वर्ष 2021-22 में भारत और कुवैत के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ है।

कुवैत में 10 लाख से अधिक भारतीय रहते हैं। भारत कुवैत के सबसे बड़े व्यापार साझेदारों में से एक है और भारत के लिए कुवैत तेल का एक बड़ा आपूर्तिकर्ता है।

वैश्विक महामारी कोविड-19 से निपटने के लिए भारत की मदद करने की खातिर कुवैत ने राहत सामग्री एवं चिकित्सीय ऑक्सीजन भेजी है। बीते कुछ हफ्तों में भारतीय नौसेना के पोत कुवैत से बड़ी मात्रा में चिकित्सीय ऑक्सीजन लेकर भारत पहुंचे हैं।