दुबई : ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने सोमवार को खुद को ‘मानवाधिकारों का रक्षक’ बताया।

उन्होंने यह बात 1988 में तकरीबन पांच हजार लोगों की सामूहिक फांसी में शामिल होने के बाबत पूछे जाने जाने पर कही। चुनाव में जीत हासिल करने के बाद पहले संवाददाता सम्मेलन में रईसी ने सोमवार को यह बयान दिया।

रईसी उस कथित “मौत के पैनल” के सदस्य थे, जिसने 1980 में हुए ईरान-इराक युद्ध का अंत होने के बाद राजनीतिक बंदियों को मौत की सजा सुनाई थी।