वाशिंगटन: भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा है कि जो बाइडन की जीत की पुष्टि के लिए तीन नवंबर को हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव के परिणाम को प्रमाणित करने के पक्ष में मतदान करने वाले अमेरिकी सांसदों को हिंसक धमकियां मिल रही हैं जिनमें जान से मारने की धमकियों भी शामिल हैं।

खन्ना ने ‘सीएनएन न्यूज’ को मंगलवार के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी, दोनों दलों के सांसदों को धमकियां मिल रही हैं।

खन्ना ने सीएनएन के प्रस्तोता ब्रूक बाल्डविन से कहा, ‘‘लोगों को यह समझ नहीं आता कि हिंसा का खतरा केवल डेमोक्रेटिक नेताओं को ही नहीं है, यह खतरा रिपब्लिकन नेताओं को भी है। मैंने अपने कुछ सहकर्मियों से बात की है -- मैं यह नहीं बताना चाहता कि ये धमकियां किन लोगों को मिली हैं, लेकिन उन्हें जान से मारे जाने की भी धमकियां मिली हैं।’’

कैलिफोर्निया से डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता खन्ना ने कहा, ‘‘चुनाव परिणाम को प्रमाणित करने के लिए मतदान करने वालों को हिंसा की धमकियां मिल रही हैं। सेवारत कई लोगों के लिए स्थिति भयानक है और दोनों दलों के नेताओं को यह सब झेलना पड़ रहा है।’’

अमेरिकी संसद के छह जनवरी को हुए संयुक्त सत्र में निर्वाचक मंडल (इलेक्टोरल कॉलेज) ने चुनाव में अगले राष्ट्रपति के तौर पर बाइडन और अगली उपराष्ट्रपति के तौर पर कमला हैरिस की जीत को औपचारिक रूप से प्रमाणित किया था।

खन्ना ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यह दलील तार्किक नहीं है कि महाभियोग चलाने के इस कदम से देश के लिए बहुत नुकसान हो रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब यह हुआ कि कोई व्यक्ति अपराध करता है, बैंक लूटता है और फिर कहता है कि उसे गिरफ्तार करने वाली पुलिस या उसे जवाबदेह बनाने वाला अभियोजन दोषी है।’’

उल्लेखनीय है कि कैपिटल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद भवन) पर पिछले सप्ताह हुए हिंसक हमले के मद्देनजर ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर डेमोक्रेटिक नेताओं के नियंत्रण वाली अमेरिकी प्रतिनिधि सभा बुधवार को मतदान करेगी।

प्रतिनिधि सभा ने ट्रंप को उनके पद से हटाने के लिए अमेरिका के निवर्तमान उपराष्ट्रपति माइक पेंस से 25वां संशोधन लागू करने की अपील करने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन पेंस ने 25वें संशोधन को लागू करने से इनकार कर दिया है।