पणजी : गोवा में 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव (इफ्फी) के आखिरी चरण में तब विवाद उत्पन्न हो गया जब अंतरराष्ट्रीय जूरी के प्रमुख और इजराइली फिल्मकार नदव लापिद ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को ‘भद्दी’ और ‘दुष्प्रचार वाली’ बताया। इसके अलावा महोत्सव पूरी भव्यता के साथ शांति से संपन्न हुआ।

गोवा में 20 नवंबर को शुरू हुए इफ्फी का सोमवार को रंगारंग समापन हुआ लेकिन इसमें लापिद के बयान ने आशा पारेख, चिरंजीवी, अक्षय कुमार, आयुष्मान खुराना और राणा दग्गूबती जैसे अदाकारों की मौजूदगी को फीका कर दिया।

समारोह में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ एल मुरुगन और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी शामिल हुए।

लापिद ने सोमवार रात को ‘ द कश्मीर फाइल्स’ को ‘दुष्प्रचार करने वाली‘ और ‘भद्दी’ फिल्म बताया।

इस महोत्सव की सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक पुरस्कार स्पेनिश फिल्म ‘आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स’ ने जीता है। कोस्टा रिका के फिल्म निर्माता वेलेंटीना मौरेल द्वारा निर्देशित इस फिल्म में 16 वर्षीया लड़की ईवा के वयस्क होने का अद्भुत चित्रण किया गया है।

इस फिल्म में जीवन की जटिलता के ईमानदार चित्रण की चर्चा करते हुए जूरी ने टिप्पणी की, ‘‘यह चित्रण इतना अद्भुत एवं जीवंत था कि इस फिल्म को देखते समय हमें लगा जैसे कि हम स्‍वयं कांप रहे हैं।’’