पणजी : आयुर्वेद में नवाचारों की बहुत अधिक संभावनाएं हैं, लेकिन इसे एक वैश्विक ब्रांड और इसके उत्पादों को प्रभावी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित एक व्यापक अनुसंधान और एक ठोस कार्य योजना की जरूरत है।

यहां आयोजित 9वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (डब्ल्यूएसी) में विशेषज्ञों ने यह बात कही।

पद्म भूषण विजय भाटकर ने कहा, 'आयुर्वेद में नवाचार की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। सुपरकंप्यूटर से अधिक उन्नत तकनीक विकसित करने की चुनौतियां हैं। हमें कंप्यूटिंग के उन क्षेत्रों पर काम करना होगा, जिनके बारे में अब तक सुना नहीं गया है।'

उन्होंने 'आयुर्वेद में नवाचार और उद्यमी' विषय पर आयोजित एक सत्र में यह बात कही।

अनिरुद्ध जोशी, जिन्हें नाड़ी देखने के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित उपकरण 'नाड़ी तरंगिनी' विकसित करने का श्रेय दिया जाता है, ने कहा कि वह ऐसे उपकरण विकसित करने की योजना बना रहे हैं, जिन्हें आसानी से पहना जा सके और जो मानव शरीर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दे सकते हैं।

उन्होंने उत्पादों की गुणवत्ता, असर, ब्रांडिंग, विपणन और नवाचार पर जोर दिया।