अहमदाबाद : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के तहत पिछले आठ वर्षों में आपदा प्रबंधन के लिए बजटीय प्रावधानों में 122 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो इसे दी जाने वाली प्राथमिकता को दर्शाता है।

उन्होंने नर्मदा जिले के केवड़िया में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास आयोजित आपदा प्रबंधन के मुद्दे पर गृह मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की।

एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया, “शाह ने समिति के सदस्यों को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले आठ वर्षों में आपदा प्रबंधन के लिए बजटीय प्रावधान 122 प्रतिशत बढ़ाया गया है, जो उनकी आपदा प्रबंधन के प्रति प्राथमिकता को दर्शाता है।”

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने पिछले आठ वर्षों में आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन को प्राथमिकता दी है।

उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार 4,903 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ आठ तटीय राज्यों में राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना (एनसीआरएमपी) लागू कर रही है।

विज्ञप्ति में उन्हें उद्धृत करते हुए कहा गया कि इसके साथ ही समुदाय की क्षमता निर्माण के लिए ‘आपदा मित्र’ कार्यक्रम के तहत 350 आपदा संभावित जिलों में एक लाख सामुदायिक स्वयंसेवकों को आपदा से निपटने की कार्रवाई और तैयारी के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

बैठक में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और केंद्रीय गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

शाह ने कहा कि नवीन तकनीकों, जैसे एसएमएस, मोबाइल ऐप और पोर्टल, के ज़रिए शुरुआती चेतावनी प्रणाली विकसित की गई है जिससे लोगों तक समयपूर्व प्राकृतिक आपदा की चेतावनी पहुंचाई जा सके।

उन्होंने कहा कि प्रारंभिक चेतावनियों के अंतिम सिरे तक प्रसार को सुदृढ़ करने के लिए पूरे देश में ‘कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल’ परियोजना लागू की जा रही है।