अहमदाबाद : अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को यहां कहा कि उनकी पार्टी गुजरात में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ेगी और पार्टी ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है।

ओवैसी ने कहा कि एआईएमआईएम कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसका फैसला पार्टी की प्रदेश इकाई करेगी। बता दें कि गुजरात में दो ध्रुवीय राजनीति है जहां वर्षों से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस की बीच ही मुख्य मुकाबला होता आया है।

अहमदाबाद यात्रा के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए ओवैसी ने कहा, “हम गुजरात में 2022 का विधानसभा चुनाव अपनी पूरी ताकत से लड़ेंगे और यह हमारी कोशिश होगी कि एआईएमआईएम के सदस्य विधानसभा में पहुंचें।”

हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ने कहा कि उनकी अहमदाबाद यात्रा का एक मकसद पार्टी की गुजरात इकाई से चुनाव की तैयारियों पर चर्चा करना है। उन्होंने कहा, “मेरे अहमदाबाद दौरे की एक वजह पिछले (स्थानीय निकाय) चुनावों में हमारे उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए लोगों का शुक्रिया अदा करना है। मैं यहां उन पार्टी पार्षदों से मिलने आया हूं जिन्होंने (इस साल की शुरुआत में हुए) स्थानीय निकाय चुनाव में जीत हासिल की।”

ओवैसी ने कहा, “ (यात्रा का) दूसरा मकसद आगामी (विधानसभा) चुनावों की तैयारियों की समीक्षा करना है।” उन्होंने यह भी कहा कि वह तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए फिर गुजरात आएंगे।

उन्होंने कहा, “हमारे प्रदेश अध्यक्ष (साबिर काबलीवाला) के साथ ही गुजरात की टीम तय करेगी कि हम कितनी सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। हमें अच्छा समर्थन मिलने का भरोसा है।”

ओवैसी ने कहा कि एआईएमआईएम की राज्य इकाई ने कई विधानसभा सीटों की पहचान की है और उन सीटों पर पार्टी को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हम हिंदू-बहुल सीटों पर भी चुनाव लड़ेंगे क्योंकि हमें सभी का वोट हासिल करना है (सिर्फ मुसलमानों का नहीं)।"

अपनी यात्रा के दौरान, ओवैसी ने अहमदाबाद में कांग्रेस के पार्षद शहजाद खान से मुलाकात की और कहा कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि खान ने संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन में कड़ी मेहनत की है।

एआईएमआईएम को भरतीय जनता पाटी (भाजपा) की "बी-टीम" बताने वाले कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते ओवैसी ने पूछा कि गुजरात में सिर्फ तीन मुस्लिम विधायक क्यों हैं? उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा में कम से कम 10 से 11 मुस्लिम विधायक होने चाहिए थे और उन्होंने यह भी पूछा कि 1984 के बाद से लोकसभा चुनाव में गुजरात से अल्पसंख्यक समुदाय के एक भी उम्मीदवार के नहीं जीतने के लिए कौन जिम्मेदार है?

एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, “"क्या कांग्रेस बता सकती है कि वह गुजरात में बार-बार क्यों हारती है? क्या यह मुस्लिम या गैर-मुस्लिम वोटों के कारण है? 2019 के संसदीय चुनावों में (गुजरात में) कांग्रेस का एक भी उम्मीदवार नहीं जीता। पार्टी नेता राहुल गांधी अमेठी में हार गए। वह कैसे हार गए? हमारे पास उनके खिलाफ लड़ने वाला कोई उम्मीदवार नहीं था।"

ओवैसी ने कहा, “ (राहुल गांधी केरल में) वायनाड सीट से जीते क्योंकि उस क्षेत्र में करीब 35 फीसदी अल्पसंख्यक मतदाता हैं। हम बी-टीम के आरोपों से चिंतित नहीं हैं, लोग देख रहे हैं, और वे फैसला करेंगे।”

गुजरात में करीब दो दशक से भाजपा का शासन है। राज्य में विधानसभा की 182 सीटों हैं जिसके लिए अगले साल के अंत में चुनाव होने हैं।