गांधीनगर : गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पिछले साल सितंबर में अपने पदभार ग्रहण करने के बाद हाथ ली गयी और पूरी की गयी विभिन्न परियोजनाओं का ब्योरा सोमवार को सामने रखते हुए कहा कि उनकी सरकार का जोर कामकाज की पूर्णताभर नहीं बल्कि उसका फायदा आखिरी लाभार्थी तक पहुंचाने पर है।

अपनी सरकार के 121 दिन पूरे होने पर ‘‘सुशासन के 121 दिन’’ नामक पुस्तिका जारी करते हुए पटेल ने ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ के फार्मूले पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की सभी महत्वपूर्ण परियोजनाएं निश्चित समयसीमा के अंदर लाभार्थियों तक ले जायी जा रही हैं।

उन्होंने कहा , ‘‘सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए संपोषणीय विकास के लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ रही है कि विकास का लाभ कतार में अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे और कोई छूट न जाए। ’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात देश में एकमात्र ऐसा राज्य है जहां जिलों ने संपोषणीय लक्ष्यों एवं कार्ययोजनाओं की रिपोर्ट तैयार की है और ‘ जोर कामकाज की पूर्णताभर नहीं बल्कि उसका फायदा आखिरी लाभार्थी तक पहुंचाने पर है।’’

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पूर्ण ‘निश्चय, विश्वास एवं जुनून के साथ’ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि गुजरात आत्मनिर्भर गुजरात के माध्यम से ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को हासिल करने के लिए कटिबद्ध है और वह इस दिशा में अनथक काम करती है।

पटेल ने कहा कि सरकार पारंपरिक कृषि पद्धतियों की ओर मुड़ने के प्रधानमंत्री के संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए ‘प्राकृतिक खेती’ को बढ़ावा देने के लिए धन आवंटित करेगी।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती, और उसके संबंध में प्रशिक्षण शिविरों एवं बड़ी संगोष्ठियों के आयोजन तथा प्रयोगशालाओं के लिए धन दिये जायेंगे।

उन्होंने कहा कि गुजरात इस साल सितंबर तक सभी परिवारों को पेयजल आपूर्ति से जोड़ने का काम पूरा करने वाला है। उन्होंने कहा, ‘‘ राज्य ने सात जिलों में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है और जनवरी आखिर तक छह और जिले जुड़ जायेंगे ।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि करीब एक करोड़ पीएमजेएवाई (जन आरोग्य योजना) कार्ड गरीबों एवं मध्यम वर्गीय लाभार्थियों के बीच बांटे गये और गुजरात ‘गतिशक्ति’ परियोजना को शुरू करने वाला पहला राज्य बन गया है ।

पिछले सितंबर में भाजपा नेतृत्व ने अचानक विजय रूपाणी को हटाकर पहली बार के विधायक पटेल को मुख्यमंत्री नियुक्त किया था।