चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने शिरोमणि अकाली दल(शिअद) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को उनके खिलाफ दर्ज स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) मामले में सोमवार को अंतरिम जमानत दे दी।

हालांकि, न्यायमूर्ति लीसा गिल की पीठ ने मजीठिया को पुलिस जांच में शामिल होने कहा है।

मजीठिया को अग्रिम जमानत प्रदान करते हुए न्यामूर्ति गिल ने यह भी कहा कि वह अगली सुनवाई तक देश से बाहर नहीं जाएं और व्हाट्सऐप के जरिए अपनी मौजूदा लोकेशन जांच एजेंसी के साथ साझा करें।

मजीठिया के वकील डी एस सोबती ने कहा कि शिअद नेता बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजे जांच में शामिल होंगे।

इससे पहले, सोबती ने यहां संवाददाताओं को बताया, “सभी रिकॉर्ड को देखने के बाद उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि यह एक ऐसा मामला है, जहां वह जांच में शामिल हो सकते हैं और जब वह जांच में शामिल होंगे तो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।”

उन्होंने बताया कि अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 जनवरी की तारीख तय की है।

एक सवाल का जवाब देते हुए सोबती ने कहा, ‘‘कई अतिरिक्त तथ्य हम अदालत के संज्ञान में लाए हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सिद्धार्थ चटोपाध्याय ने सहायक पुलिस महानिरीक्षक (एआईजी) बलराज सिंह के बेटे प्रिंसप्रीत सिंह को विशेष अधिकार का इस्तेमाल करते हुए उप निरीक्षक से निरीक्षक पद पर पदोन्नति दी है।

उल्लेखनीय है कि बलराज सिंह, मजीठिया के खिलाफ जांच कर रही विशेष जांच टीम के प्रमुख हैं। शिअद आरोप लगा रहा है कि मजीठिया के खिलाफ प्राथमिकी ‘‘ राजनीति बदले’’का नतीजा है।

मजीठिया के खिलाफ पिछले महीने स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था और मोहाली की एक अदालत द्वारा 24 दिसंबर को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद उन्होंने अग्रिम जमानत के लिये पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख किया था।

पंजाब में मादक द्रव्य गिरोह की जांच से संबंधित 2018 की रिपोर्ट के आधार पर मजीठिया (46) के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।

मजीठिया को राहत मिलने के बाद शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने ट्वीट किया, ‘‘ न्याय की जीत हुई’’। वहीं उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल ने कहा, ‘‘ सच्चाई की जीत होती है, भले ही झूठ कितना भी बड़ा क्यों न हो।’’

मजीठिया शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के बहनोई और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं।

इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मोगा में कहा कि अंतरिम जमानत का अभिप्राय यह नहीं है कि मामला खत्म हो गया है, मजीठिया बुधवार को जांच से जुड़ेंगे।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में मोहाली पुलिस थाने में राज्य की अपराध शाखा ने 49 पन्नों की प्राथमिकी दर्ज की है।