नयी दिल्ली : दिल्ली में एक प्रमुख निजी अस्पताल ने शनिवार को कहा कि उसने कोविड से स्वस्थ होने वाले मरीजों में तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्याओं में बढ़ोतरी देखी है, जिनमें मस्तिष्क में रक्तस्राव (ब्रेन हैमरेज) के आपातकालीन मामले भी शामिल हैं।

मूलचंद अस्पताल ने एक बयान में बताया कि बहिर्रोगी विभाग (ओपीडी) में 60 प्रतिशत तक मरीजों में थकान, अवसाद, आत्मघाती विचार, अकेलेपन की भावना जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती दिख रही हैं और इनमें से अधिकतर कोविड से उबर चुके मरीज हैं।

अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा कि कोविड से स्वस्थ होने वाले मरीजों में यहां तंत्रिका तंत्र (न्यूरोलॉजिकल) संबंधी समस्याओं की परेशान करने वाली बढ़ती संख्या देखने को मिल रही है।

इसने कहा कि मूलचंद अस्पताल “ इंट्रासेरेब्रल (ब्रेन) हैमरेज के बढ़ते मामलों को दर्ज कर रहा है, और तंत्रिका विज्ञान विभाग का 50 प्रतिशत ऐसे मामलों से भरा हुआ है।”

चिकित्सकों ने यह भी कहा कि जो लोग वैश्विक महामारी में बच गए और जो लोग कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आए थे, वे कई हफ्तों बाद सिरदर्द, चक्कर आना, थकान, संज्ञानात्मक समस्याओं, याददाश्त की समस्या, चिंता, अवसाद, स्ट्रोक, दर्द और नींद संबंधी विकार के लक्षणों के साथ बड़ी संख्या में अस्पताल आ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि ओपीडी में, 60 प्रतिशत तक मरीज सिरदर्द, थकान, अवसाद, आत्महत्या के विचार, अकेलेपन की भावना आदि समस्याओं के साथ आ रहे हैं।

मूलचंद अस्पताल में वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ आशा बख्शी ने कहा, “इनमें से ज्यादातर मामले वो हैं जिन्हें पूर्व में कोविड हुआ था, दो या तीन महीने के अंतराल पर।”

उन्होंने कहा, “ऐसी समस्याएं उनके निजी एवं पेशेवर जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं। कई ने शिकायत की कि वे काम के दौरान ध्यान केंद्रित कर पाने में बहुत कठिनाई महसूस कर रहे हैं। लोग काम और निजी जिंदगी में तालमेल बिठा पाने में भी संघर्ष कर रहे हैं।”

बख्शी ने कहा कि महामारी न केवल फेफड़ों से जुड़ी तीव्र सूजन संबंधी बीमारी का कारण बना है, बल्कि इसने लंबे वक्त तक रहने वाली कुछ दीर्घकालिक मस्तिष्क संबंधी समस्याएं भी पैदा की हैं।