हैदराबाद : एक नए अध्ययन में सामने आया है कि अगर लोग अपने खाने की खुराक में बाजरे को शामिल करें तो उनमें टाइप 2 मधुमेह का खतरा कम हो सकता है।

साथ में यह रक्त में शर्करा की मात्रा को भी नियंत्रित करने में मदद करता है और जिन लोगों को यह अंदेशा रहता है कि उन्हें मधुमेह हो सकता है तो उन्हें बाजरे को अपनी खुराक में शामिल करना चाहिए, क्योंकि इससे जीवनशैली से जुड़ी बीमारी को दूर रखने में मदद मिल सकती है।

अध्ययन में कहा गया है कि मधुमेह के मरीज और मधुमेह होने की दहलीज़ (प्री डायबिटिक) पर पहुंच चुके लोगों को अपनी खुराक में बाजरे को शामिल करना चाहिए। साथ में मधुमेह की बीमारी से बचने के लिए निवारक उपाय के तौर पर स्वस्थ लोग भी इसे अपनी खुराक में शामिल कर सकते हैं।

बाजरा और मधुमेह पर इस अध्ययन का नेतृत्व स्मार्ट फूड इनिशिएटिव ऑफ आईसीआरआईएसएटी ने किया जिसमें हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन), ब्रिटेन के रीडिंग विश्वविद्यालय और अन्य संस्थान शामिल हैं। यह जानकारी आईसीआरआईएसएटी ने यहां बृहस्पतिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी।

विज्ञप्ति के मुताबिक, 11 देशों में हुए शोध के आधार पर किए अध्ययन में पता चला है कि मधुमेह के जो मरीज अपनी दैनिक खुराक के साथ बाजरे का सेवन करते हैं उनके रक्त में शर्करा की मात्रा 12-15 प्रतिशत कम हो जाती है और वे मधुमेह पीड़ित से मधुमेह की दहलीज़ (प्री डायबिटिक) वाली श्रेणी में आ जाते हैं। यह अध्ययन ‘फ्रंटियर्स इन न्यूट्रीशन’ में प्रकाशित हुआ है।

विज्ञप्ति के मुताबिक, अध्ययनकर्ताओं ने 80 प्रकाशित अध्ययनों की समीक्षा की । अध्ययन की प्रमुख लेखिका और आईसीआरआईएसएटी में वरिष्ठ पोषण वैज्ञानिक एस अनिता ने कहा कि कोई नहीं जानता है कि मधुमेह पर बाजरे के प्रभाव पर कई वैज्ञानिक अध्ययन किए गए हैं। इन फायदों पर अक्सर विवाद रहा है और वैज्ञानिक जर्नलों में प्रकाशित अध्ययनों की सुनियोजित समीक्षा ने साबित किया है कि बाजरा रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करने, मधुमेह के खतरे को कम करने में मदद करता है। ” एनआईएन की निदेशक हेमलता के हवाले से विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुधमेह से संबंधित स्वास्थ्य खर्च 70 लाख अमेरिकी डॉलर है। इसका कोई समाधान नहीं और इसके लिए जीवन शैली में बदलाव करने की जरूरत होती है और खुराक इसका एक अहम हिस्सा है।

अंतरराष्ट्रीय मधुमेह संघ के मुताबिक, दुनियाभर में मधुमेह के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। विज्ञप्ति के मुताबिक, भारत, चीन और अमेरिका में सबसे ज्यादा लोग मधुमेह से पीड़ित हैं।