उत्तर भारत में शीतलहर  चलने की भविष्यवाणी के साथ ही मौसम विभाग ने सख्त हिदायत  दी कि ज़रूरत न होने पर घर से न निकलें, कंपकंपी को गंभीरता से लें और शराब न पिएं तो बेहतर... इस चेतावनी के हर पहलू को समझना ज़रूरी है

आम धारणा तो यही है कि सर्दियों के मौसम  में अल्कोहल या शराब का सेवन करने से शरीर में गर्मी आती है. जितनी ज़्यादा ठंड पड़ती है कुछ लोग मानते हैं कि उतनी ज़्यादा शराब पी जा सकती है. लेकिन आपको विज्ञान समझकर थोड़ा सतर्क होना चाहिए. खासकर उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड शुरू हो चुकी है, ऐसे मौसम में आपको शराब सेवन को लेकर सावधान रहना चाहिए. जानकारों ने भी हिदायत दी है कि अल्कोहल से दूर रहकर  आप ठंड के प्रकोप से बच सकते हैं.

क्या वाकई ज़्यादा ठंड के साथ ज़्यादा अल्कोहल सेवन की बात सही है? अगर हां, तो कैसे और क्यों लोग ठंड के मौसम में ज़्यादा शराब पीते हैं. इसके साथ यह भी जानिए कि क्या स​र्दी के असर को खत्म करने के लिए शराब पीना वाकई कारगर है.

हो सकता है कि कड़ाके की ठंड की रात में शराब पीने से आपको शरीर में गर्मी या राहत महसूस हो, लेकिन हकीकत यह है कि इससे आपके शरीर का तापमान कम होता है और इम्यूनिटी प्रभावित होती है. चकित्सा विाान में इस तरह के कई शोध हो चुके हैं जो बताते हैं कि शराब पीने से शरीर का कोर टेंप्रेचर कम हो जाता है और हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ता है.

गर्मी पैदा करने से पहले भीतर की गर्मी जब शरीर खो देता है, उस स्थिति को हाइपोथर्मिया कहते हैं, जिसका नतीजा कंपकंपी से लेकर सांस लेने में मुश्किल और लो ब्लड प्रेशर भी हो सकता है. चूंकि शरीर का सामान्य तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक होता है लेकिन शराब पीने के बाद अगर यह 35 डिग्री तक गिर जाता है तो बोलने और चलने में लड़खड़ाहट के साथ ही त्वचा ठंडी पड़ने लगती है.