वाशिंगटन : अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि कोविड-19 लगातार होने वाले संज्ञानात्मक नुकसान से जुड़ा है, जिसमें अल्जाइमर (मानसिक रोग) के लक्षणों में तेजी आना भी शामिल है।

कोविड-19 से जुड़ी सांस संबंधी और पेट एवं आंतों से संबंधित लक्षणों के साथ ही वायरस से संक्रमित कई लोगों को अल्पकालिक और दीर्घकालिक न्यूरोसाइकिएट्रिक (मस्तिष्क संबंधी) लक्षणों का अनुभव होता है जिनमें स्वाद एवं गंध की शक्ति चले जाना और संज्ञानात्मक तथा ध्यान केंद्रित कर पाने में कमी जैसी स्थितियां शामिल हैं जिसे ‘ब्रेन फॉग’ के नाम से जाना जाता है।

अंतरराष्ट्रीय, बहुविषयक परिसंघ द्वारा यूनान एवं अर्जेंटीना से मिले शुरुआती परिणामों में दिखा कि अधिक उम्र के लोगों में सार्स-सीओवी-2 संक्रमण से उबरने के बाद लगातार संज्ञानात्मक हानि होती रहती है यानी उन्हें चीजें याद रखने में, नयी चीजें सीखने में, ध्यान केंद्रित कर पाने और रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करने वाले फैसले लेने में दिक्कत होती है। इनमें अक्सर स्वाद महसूस कर पाने की शक्ति का चले जाना भी शामिल है।

इस परिसंघ में करीब 40 देशों के वैज्ञानिक और प्रतिनिधि शामिल हैं जिन्हें केंद्रीय मस्तिष्क तंत्र (नर्वस सिस्टम) पर कोविड-19 के दीर्घकालिक प्रभावों का आकलन करने के लिए केंद्रीय विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से तकनीकी मार्गदर्शन प्राप्त है।

इन परिणामों को अमेरिका के डेनवर में 26 जुलाई से 30 जुलाई के बीच हुए अल्जाइमर संगठन के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया।

परिसंघ के अन्य महत्त्वपूर्ण परिणामों में सामने आया कि मस्तिष्क की चोट, मस्तिष्क में सूजन और अल्जाइमर के जैविक संकेत कोविड-19 रोगियों में मस्तिष्क संबंधी लक्षणों की उपस्थिति के साथ मजबूती से संबंधित हैं।

अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि कोविड से उबरने के बाद संज्ञानात्मक समस्याएं महसूस करने वाले व्यक्तियों में थोड़ी सी भी शारीरिक मेहनत के बाद खून में ऑक्सीजन का प्रवाह कम होने के साथ ही शारीरिक स्थिति भी प्रभावित होती है।