नयी दिल्ली : देश से 2025 तक टीबी उन्मूलन की भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने बुधवार को कहा कि इस रोग से निपटने के लिए ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) निवारक उपचार को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के अनुसार हर्षवर्द्धन ने डब्ल्यूएचओ ग्लोबल ट्यूबरकुलोसिस प्रोग्राम द्वारा आयोजित ‘ टीबी रोकथाम में वृद्धि के लिए वैश्विक अभियान’ नामक एक डिजिटल कार्यक्रम में यह बात कही।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य टीबी रोकथाम रणनीतियों में वृद्धि तथा टीबी निवारक उपचार पर 2022 संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय बैठक के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में प्रगति के लिए वैश्विक एवं देश के स्तर पर जरूरी अहम कदमों पर चर्चा करना था।

हर्षवर्द्धन ने कहा, ‘‘ टीबी निवारक उपचार में वृद्धि की संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने तथा टीबी संक्रमितों से उसके सक्रिय रोग का रूप लेने से रोकने में बड़ी अहमियत है। भारत 2025 तक टीबी का मुकाबला करने और उसके खात्मे के लिए नये टीबी निवारक उपचार के रास्ते पर चल रहा है। ’’

भारत की प्रतिबद्धताओं को दोहराते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत टीबी को खत्म करने के लिए पूर्ण पोषित राष्ट्रीय रणनीति योजना को आक्रामक ढंग से लागू कर रहा है। उन्होंने कहा कि पांच करोड़ लोगों का उपचार करके पिछले कुछ सालों में उल्लेखनीय कार्य किया गया है।

मंत्री ने कहा, ‘‘ हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योग्य नेतृत्व में भारत ने 2025 तक यानी 2030 के एसडीजी लक्ष्य से पांच साल पहले ही टीबी का खात्मा करने की अप्रत्याशित राजनीतिक प्रतिबद्धता दिखायी है। ’’