नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है जो जिंदगीभर साथ रहती है। इस बीमारी के कई प्रकार हैं। टाइप 1 डायबिटीज में अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन निकलता है, लेकिन टाइप 2 डायबिटीज में अग्नाशय से इंसुलिन निकलना पूरी तरह से बंद हो जाता है। साथ ही रक्त शर्करा स्तर बहुत बढ़ जाता है।

इससे शरीर को उर्जा प्राप्त नहीं होता है। इसके लिए टाइप 2 को अधिक खतरनाक माना जाता है। डायबिटीज को दवा और परहेज से कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए संतुलित आहार लेना चाहिए। आहार में चीनी युक्त चीजों का कम से कम सेवन और रोजाना वर्क आउट जरूर करना चाहिए। डॉक्टर की मानें तो डायबिटीज के मरीजों को रोजाना कम से कम 30 मिनट तक वॉक करना चाहिए।

अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और ब्लड शुगर कंट्रोल करना चाहते हैं, तो सोयाबीनको अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसके सेवन से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। 

सोयाबीन क्या होता है

सोयाबीन में तकरीबन 36-40 प्रतिशत प्रोटीन होता है। इसके लिए सोयाबीन को सुपरफूड कहा जाता है। इसमें प्रोटीन, एमिनो एसिड के अलावा विटामिंस और मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन ई की मात्रा ज्यादा होती है। इसके अतिरिक्त सोयाबीन में आइसोफ्लेवॉन्स नामक गुणकारी तत्व पाया जाता है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण दवा है। इससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।

कई शोध में खुलासा हो चुका है कि डायबिटीज के मरीजों को सोयाबीन का सेवन जरूर करना चाहिए। इससे पहले सोयाबीन को लेकर जानकारों में मतभेद थे। कई शोध ने भी सोयाबीन को डायबिटीज के लिए कारगर नहीं बताया था। डॉक्टर्स हमेशा बीमार व्यक्ति को सोयाबीन खाने की सलाह देते हैं। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-

researchgate.net पर छपी The American Diabetes Association की शोध में सोयाबीन के फायदे को बताया गया है। सोयाबीन में एमिनो एसिड पाया जाता है। सोया प्रोटीन में ग्लाइसिन और अर्गिनीन पाए जाते हैं जो शर्करा रक्त यानी बल्ड शुगर कंट्रोल करने में सहायक होते हैं।

ऐसे करें सेवन

सोयाबीन की सब्जी बनाकर सेवन कर सकते हैं। वहीं, सोयाबीन को फ्राई कर स्नैक्स रूप में भी सेवन कर सकते हैं। जबकि, सोयबीन पाउडर की टिक्की बनाकर भी सेवन किया जा सकता है। एक चीज़ का जरूर ध्यान रखें कि रोजाना सोयाबीन का सेवन जरूर करें।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।