महिलाओं में 45 और 60 वर्ष की उम्र के बीच सामान्यतः मधुमेह और उच्च रक्तचाप,मोटापा, जैसी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पेश आने लगती हैं. ऐसे में उन्हें समय-समय पर बॉडी चेकअप कराते रहना चाहिए

हर साल की तरह 2021 भी आ गया, लेकिन दूसरों का ख्याल और फिर ख़ुद की सेहत बेहाल कर लेने की महिलाओं की आदत में शायद ही कभी बदलाव आ पाया हो. इस आदत की वज़ह से अक़्सर अधेड़ या मध्यम आयु वर्ग तक आते- आते अधिकांश महिलाओं का शरीर जवाब देने लगता है, लेकिन कोविड जैसी महामारी के साथ शुरू हुए इस नए साल में उन्हें सदियों से चली आ रही इस आदत में बदलाव करना होगा. इससे बचने के लिए अधेड़ महिलाओं को कुछ बुनियादी बातों को अमल में लाना होगा, जिससे उन्हें लंबे वक़्त तक सेहतमंद रहने में मदद मिलेगी.

आमतौर पर महिलाओं में 45 और 60 वर्ष की उम्र के बीच सामान्यतः मधुमेह और उच्च रक्तचाप,मोटापा, रजोनिवृत्ति, कैंसर और डिप्रेशन जैसी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पेश आने लगती हैं. उन्हें बीमारियों को ख़ुद से दूर रखने के लिए आहार, व्यायाम से लेकर समय-समय पर अपने शरीर की चिकित्सकीय जांच जैसी
बातें रोजाना की दिनचर्या में अपनानी होंगी. इन छोटी मगर काम की बातों को अपनाने से आप ख़ुद ही अपने अंदर बदलाव देखेंगी.

पौष्टिक और स्वस्थ आहार लें: डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, वयस्कों के लिए एक स्वस्थ आहार में फल, सब्जियां, फलियां- दाल और बीन्स वगैरह, नट्स और साबुत अनाज में अनप्रोसेस्ड मक्का, बाजरा, जई, गेहूं और ब्राउन राइस शामिल होने चाहिए. मछली, एवोकैडो, नट्स, सूरजमुखी, कैनोला और जैतून के तेल से मिलने वाली असंतृप्त वसा के साथ ही मांस, मक्खन, ताड़ और नारियल तेल, क्रीम पनीर, घी से मिलने वाली संतृप्त वसा भी पोषण युक्त आहार का अहम हिस्सा है. यह ध्यान रखें कि भोजन केवल पेट भरने के लिए नहीं बल्कि पौष्टिकता से भरपूर हो.