हैदराबाद: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि अगले 30-40 साल तक भाजपा का युग रहेगा और भारत ‘विश्वगुरु’ बनेगा।

यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के दौरान पारित राजनीतिक प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए शाह ने विपक्षी दलों को बिखरा हुआ बताया और कांग्रेस पर करारा हमला करते हुए कहा कि देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी में लोकतंत्र स्थापित करने के लिए उसके ही सदस्य लड़ रहे है लेकिन ‘‘गांधी परिवार’’ डर के कारण अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं करा रहा है।

उन्होंने कहा कि अगले 30-40 साल तक उनकी पार्टी भाजपा का युग रहेगा तथा भारत ‘विश्वगुरु’ बनेगा।

शाह के संबोधन से जुड़े अंशों को मीडिया से साझा करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।

उनके मुताबिक, शाह ने राजनीति में जातिवाद, वंशवाद और तुष्टीकरण को ‘‘बहुत बड़ा अभिशाप’’ बताया और कहा कि देश को इतने साल तक जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा, उसकी जड़ में यही सब थे। उन्होंने देश की राजनीति से वंशवाद, जातिवाद और तुष्टीकरण को उखाड़ फेंकने का आह्वान भी किया।

सरमा के मुताबिक शाह ने कहा, ‘‘विपक्ष आज विपक्ष बिखरा हुआ है। कांग्रेस में लोकतंत्र स्थापित करने के लिए उसके ही सदस्य लड़ाई कर रहे हैं, गांधी परिवार डर के कारण अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं करा रहा है।’’

शाह ने कहा कि आज कांग्रेस हताशा और निराशा में केंद्र सरकार की हर कल्याणकारी योजना का विरोध करती है, वह चाहे सर्जिकल स्ट्राइक और एअर स्ट्राइक हो, कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करना हो या फिर कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण हो।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस को 'मोदी फोबिया' हो गया है। वह देशहित के हर निर्णय का विरोध करने लगी है। कांग्रेस पूरी तरह से हताश और निराश है।’’

शाह ने अपने संबोधन के दौरान गुजरात दंगों पर उच्चतम न्यायालय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिली क्लीन चीट का उल्लेख किया और इसे ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि राजनीति से प्रेरित इस मामले के खिलाफ मोदी ने 19 साल तक लड़ाई लड़ी लेकिन एक शब्द भी नहीं कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘भगवान शंकर की तरह उन्होंने (मोदी) विष गले में उतार लिया। एसआईटी की पूछताछ का सामना किया। अपमान सहा लेकिन संविधान के प्रति निष्ठा कायम रखी।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि वहीं दूसरी तरफ प्रर्वतन निदेशालय द्वारा उनसे हुई पूछताछ के दौरान कांग्रेस नेताओं ने विरोध प्रदर्शन कर ‘‘ड्रामा’’ किया।

उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में परिवारों के शासन को हराएगी और आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और उन सभी राज्यों में भी सत्ता में आएगी, जहां पार्टी की स्थिति कमजोर है।

सरमा ने कहा कि बैठक में यह ‘‘सामूहिक उम्मीद’’ दिखी कि भाजपा का अगले दौर का विकास दक्षिण भारत से होगा।

सरमा के मुताबिक, शाह ने हाल के विधानसभा और अन्य स्थानीय चुनावों में भाजपा को मिली जीत का उल्लेख करते हुए कहा कि ये नतीजे विकास और बेहतर प्रदर्शन करने की राजनीति पर जनता की मुहर को दर्शाते हैं।

उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या पर राजनीतिक प्रस्ताव में किसी प्रकार का उल्लेख न किए जाने से जुड़े सवालों पर सरमा ने कहा, ‘‘इतना बड़ा देश है और हर घटना पर हम चर्चा कर सकते हैं लेकिन मुद्दा है कि इसके पीछे मूल कारण क्या है। अगर कांग्रेस ने देश में तुष्टीकरण की राजनीति की शुरुआत न की होती तो आज हम उदयपुर की घटना या इस प्रकार की किसी घटना का जिक्र नहीं कर रहे होते।’’

शाह द्वारा पेश इस राजनीतिक प्रस्ताव का समर्थन सरमा और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने किया। प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ।