श्रीनगर : केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने बृहस्पतिवार को कहा कि निर्वाचन आयोग स्वतंत्र संस्था है और सरकार जहां सुचारू कामकाज के लिए निर्वाचन आयोग को मदद मुहैया कराती है, वहीं वह किसी को भी अपनी धुन पर ‘नृत्य’ नहीं करवाती।

मंत्री ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पत्रकारों से यह भी कहा कि मीडिया जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनावों के परिणामस्वरूप जम्मू कश्मीर में हुए विकास के बारे में नहीं बल्कि केवल विधानसभा चुनावों के बारे में बात करता है।

अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के एक साल बाद 2020 में जम्मू कश्मीर में डीडीसी के चुनाव हुए थे। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निर्देशों पर काम कर रहा है। आरोपों के बारे में पूछे जाने पर रीजीजू ने कहा कि निर्वाचन आयोग निष्पक्ष और स्वतंत्र है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासनिक मंत्री प्रभारी होने के नाते (भारत का निर्वाचन आयोग कानून मंत्रालय को रिपोर्ट करता है) मैं कहना चाहता हूं कि निर्वाचन आयोग एक निष्पक्ष, पारदर्शी, सशक्त और स्वतंत्र संस्था है।’’

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग में सरकार की भूमिका इसके सुचारू संचालन की व्यवस्था करने तक सीमित है। रीजीजू ने कहा, ‘‘सरकार निर्वाचन आयोग को सहायता प्रदान करती है क्योंकि बिना सरकारी सहायता के न तो अदालतों का संचालन हो सकता है, न ही किसी अन्य संस्था का। यह व्यवस्था करना सरकार का कर्तव्य है कि ये संस्थाएं कार्य कर सकें लेकिन हम किसी को अपनी धुन पर नहीं नचाते।’’

यह पूछे जाने पर कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कब होंगे, रीजीजू ने कहा कि वे सही समय पर होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘डीडीसी के चुनाव शानदार तरीके से हुए और उन चुनावों के कारण बहुत अच्छा काम हो रहा है। आप विकास के बारे में नहीं लिखेंगे, आप केवल चुनावों के बारे में बात करेंगे।’’