जम्मू : नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि भारत जी-20 की अध्यक्षता का इस्तेमाल कश्मीर पर पाकिस्तान से बातचीत के लिए कर सकता है।

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इसके अलावा भारत इस अवसर के जरिए रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को समाप्त करने में दुनिया की मदद भी कर सकता है।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पाकिस्तान से बातचीत की वकालत करते-करते और इसके लिए खुद को ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ कहे जाने को लेकर थक गए हैं।

अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मुझे खुशी है कि हम (भारत) जी-20 समूह की अध्यक्षता ग्रहण कर रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में सफल होंगे जिसने दुनिया की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। ’’

उन्होंने कहा कि यह दुनिया के लिए बेहतर होगा यदि भारत इस संकट को समाप्त करने में सक्षम होता है।

फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ दूसरा, हमें कश्मीर को लेकर अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान से समस्या है। यह अवसर हमारी कठिनाइयों को समाप्त करने के लिए इस मुद्दे का समाधान खोजने की संभावना हो सकता है। ’’

भारत एक दिसंबर 2022 से औपचारिक रूप से जी20 की अध्यक्षता संभालेगा और 200 से अधिक ऐसी बैठकों की अध्यक्षता करेगा जिनका उद्देश्य वैश्विक आर्थिक विकास और समृद्धि को सुरक्षित करना है। इसके अलावा जी-20 समूह के देश दुनिया के 80 प्रतिशत से अधिक सकल घरेलू उत्पाद, 75 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय व्यापार और दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

जी-20 वैश्विक आर्थिक सहयोग का एक प्रभावशाली संगठन है। यह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।

जी-20 समूह दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह पाकिस्तान के साथ बातचीत के पक्ष में हैं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा, ‘‘ जब मैं पाकिस्तान के साथ बातचीत की बात करता हूं, तो गृह मंत्री कहते हैं कि वे जम्मू-कश्मीर के बच्चों से बात करेंगे, लेकिन पाकिस्तान से नहीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी लड़ाई उनसे (पाकिस्तान से) है न कि हमारे बच्चों से। अब मैं पाकिस्तान से बातचीत की मांग करते-करते थक गया हूं, क्योंकि वे मेरे बयानों के लिए मुझे देशद्रोही करार देते हैं। ’’

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ एक दिन केंद्र सरकार को पाकिस्तान से बातचीत करनी ही पड‍़ेगी, लेकिन, यह कब होगा, मैं नहीं जानता। ’’

घाटी में कट्टरता में वृद्धि पर पूछे गए सवाल के जवाब में अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ कट्टरता जैसा कुछ नहीं है। हम कम तीव्रता की लड़ाई लड़ रहे हैं और कोई दूसरा रास्ता नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह केंद्र सरकार और चुनाव आयोग का निर्णय होगा कि कब वे जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने जा रहे हैं। यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं यहां आऊं, जनता से मिलूं और उनकी समस्याओं को जानूं और संसद में उनके मुद्दों को उठाऊं। ’’