श्रीनगर : कश्मीरी पंडित कर्मचारियों का उनके सहकर्मी राहुल भट की हत्या के खिलाफ चल रहा प्रदर्शन मंगलवार को 13 वें दिन में प्रवेश कर गया। प्रदर्शनकारी शेखपुर प्रवासी शिविर के दौरे के दौरान उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा दिए गए आश्वासन के बावजूद काम पर नहीं लौटे हैं।

प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना है कि वे तब तक अपना विरोध खत्म कर काम पर नहीं लौटेंगे, जबतक कि उन्हें कश्मीर घाटी से बाहर स्थानांतरित करने की मांग मान नहीं ली जाती।

प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और ‘‘ हमें न्याय’’चाहिए के नारे लगाए।

उल्लेखनीय है कि सिन्हा ने सोमवार को शेखपुरा प्रवासी शिविर का दौरा किया था जहां कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया था कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

भट(35) को प्रवासियों के लिए विशेष रोजगार पैकेज 2010-11 के तहत लिपिक की नौकरी मिली थी।उनकी हत्या 12 मई को मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चाडूरा इलाके में लश्कर ए तैयबा के आतंकवादियों ने उनके कार्यालय में घुसकर कर दी थी।

सिन्हा ने प्रदर्शनकारी कर्मचारियों से संवाद करते हुए स्वीकार किया कि उनके शिविर आने में देर हुई है।

भट की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग का संदर्भ देते हुए राज्यपाल ने कहा कि उनकी योग्यता की जांच की जाएगी और जो संभव होगा वह दिया जाएगा।

सिन्हा ने प्रदर्शनकारी कर्मचारियों से कहा कि भट की हत्या की उन्हें भी उतनी ही पीड़ा है जितना आप (कर्मचारी)महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रशासन के मुखिया के तौर पर सरकारी कर्मचारी की हत्या से अधिक कुछ भी दुर्भाग्यपूर्ण नहीं हो सकता।

उल्लेखनीय है कि कश्मीर के संभागीय आयुक्त ने पिछले सप्ताह निर्देश दिया था कि कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को उनके निवास स्थान या जिला मुख्यालय जहां भी संभव हो वहां समायोजित किया जाए।