जम्मू : पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि वह उन नेताओं को वापस नहीं लेंगी जिन्होंने पहले पार्टी छोड़ दी थी और अब लौटना चाह रहे हैं।

जुलाई 2018 में महबूबा नीत गठबंधन सरकार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा समर्थन वापस लिये जाने के बाद कुछ पूर्व मंत्रियों और विधायकों समेत बड़ी संख्या में पीडीपी के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी। इनमें से अधिकतर अल्ताफ बुखारी की ‘अपनी पार्टी’ या सज्जाद लोन की अगुवाई वाली ‘पीपल्स कॉन्फ्रेंस’ में शामिल हो गये थे।

महबूबा ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैंने यह सिद्धांत बना लिया है कि हमें छोड़कर जा चुके नेताओं को वापस नहीं लिया जाएगा। पार्टी छोड़कर जा चुके अनेक नेता वापसी के इच्छुक हैं लेकिन मैं उन्हें वापस नहीं लेने वाली।’’

पार्टी में अनेक नये कार्यकर्ताओं के स्वागत के लिए समारोह आयोजित किया गया था। जिसमें पिछले महीने पीडीपी में फिर से शामिल हुए पूर्व मंत्री बुशन लाल डोगरा के समर्थक शामिल हैं।

महबूबा ने कहा, ‘‘डोगरा मेरे छोटे भाई की तरह हैं और बहुत सज्जन आदमी हैं जिनका मैं बहुत सम्मान करती हूं। पार्टी में उनकी वापसी अपवाद वाला मामला है।’’

उन्होंने उम्मीद जताई कि डोगरा अन्य कार्यकर्ताओं के साथ जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए अथक प्रयास करेंगे।

भाजपा नीत केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए पीडीपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी जम्मू कश्मीर का इस्तेमाल प्रयोगशाला के रूप में कर रही है और उसने पूर्ववर्ती राज्य को तबाह कर दिया है।

जम्मू कश्मीर में बड़े स्तर पर निवेश की सरकार की योजना का जिक्र करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘बाहरी निवेशक अपने मजदूरों को साथ लाते हैं।’’

उन्होंने भाजपा पर असहाय गरीबों से जमीन छीनने के लिए उन्हें उससे बेदखल करने का अभियान चलाने का आरोप लगाया।