नयी दिल्ली: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर कई महत्वपूर्ण विषयों पर ‘‘एकपक्षीय’’ तरीके से काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि ‘‘सहकारी संघवाद’’ की भावना को कायम रखने के लिए राज्यों के साथ अवश्य ही परामर्श किया जाना चाहिए।

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के बकाये जैसे कई मुद्दों पर उनकी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ तकरार रही है।

सोरेन इस हफ्ते की शुरूआत में दिल्ली की यात्रा पर थे। उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों--गृह मंत्री अमित शाह, कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से अलग-अलग मुलाकात की। उनकी इन मुलाकातों को कई मुद्दों पर सिलसिलेवार तकरार चलने के बाद केंद्र के साथ संबंधों में सुधार लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष ने जोर देते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस, वाम दलों और मजबूत क्षेत्रीय दलों सहित विपक्षी पर्टियों को केंद्र में और भाजपा शासित राज्यों में, दोनों ही जगह भगवा पार्टी के खिलाफ समन्वित रुख अख्तियार करने की जरूरत है।

सोरेन ने पीटीआई-भाषा को दिये एक साक्षात्कार में भाजपा के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उनके शासन के तहत झारखंड में कानून व्यवस्था खराब हो गई है। वहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में विपक्ष झारखंड की छवि धूमिल करने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों की तरह हम कभी कोई घटना नहीं छिपाते। वे घटनाओं को छिपाते हैं। हम नहीं छिपाते हैं, बल्कि फौरन कार्रवाई करते हैं। मैंने उच्चतम स्तर के पुलिस अधिकारियों को फौरन कदम उठाने और मामलों का शीघ्र हल करने का निर्देश दिया है।’’