लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा (धन्यवाद प्रस्ताव) के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने अभिभाषण को सराहा जबकि विपक्षी सदस्यों ने आलोचना की।

उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यों वाली 18वीं विधानसभा का पहला सत्र विपक्ष के जोरदार हंगामे के साथ सोमवार को शुरू हुआ और शोरगुल के बीच राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संयुक्त सत्र (विधानसभा और विधान परिषद) को संबोधित करते हुए अभिभाषण पढ़ा। एक घंटे से अधिक समय तक पढ़े गये अभिभाषण के दौरान राज्यपाल ने प्रदेश सरकार की विभिन्न उपलब्धियों का जिक्र किया।

मंगलवार को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सत्ता पक्ष की सदस्य डाक्टर मंजू शिवाच ने कहा कि कोरोना महामारी की चुनौती के बीच उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ जनता की उम्मीदों पर खरा उतर कर उत्तर प्रदेश की सरकार ने जो कार्य किया उसी का असर है कि उप्र की बागडोर दोबारा जनता ने भारतीय जनता पार्टी को सौंपी।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदया ने अपने अभिभाषण में वह बात कही कि जो सरकार ने कर दिखाया, सरकार के सराहनीय कार्य के लिए डॉक्टर सिवाच ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद किया।

धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए सत्तापक्ष के साकेंद्र प्रताप ने कहा कि स्वाभाविक रूप से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार दोबारा आई है और बहुत से नये सदस्य अग्नि स्नान करके आये हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार के बारे में बहुत सा भ्रम फैलाया गया, लेकिन हमने मिथक तोड़ दिया और दोबारा सरकार बनी।

चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य लालजी वर्मा ने अभिभाषण की आलोचना करते हुए कहा कि 'मैंने महामहिम का भाषण सुना, उन्होंने अनवरत भाषण किया। महामहिम का भाषण सरकार के पिछले कार्यकाल के साथ आने वाले वर्ष का एजेंडा होता है, लेकिन राज्यपाल ने अपने भाषण में केवल सपने बेचने वाला भाषण दिया।'

उन्होंने कहा कि 'सरकार के पास विकास की कोई दृष्टि नहीं है, इसलिए केवल केंद्र सरकार की योजनाओं का विस्तृत रूप से उल्लेख किया।' वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपनी किसी योजना का उल्लेख नहीं किया जो प्रदेश के विकास में सार्थक सिद्ध हो।

सत्ता पक्ष के शलभ मणि त्रिपाठी ने अभिभाषण की सराहना की और विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि जिस कुशीनगर और देवरिया में सड़कें नहीं थी, वहां महात्मा बुद्ध की पुण्यभूमि से अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानें शुरू हुई हैं।

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आप लोग सकारात्मक काम नहीं कर पा रहे हैं और उन्होंने शेर पढ़ा — 'ये कैंचियां हमें उड़ने से खाक रोकेंगी, हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं।' सपा के फईम इरफान ने कहा अभिभाषण की आलोचना करते हुए कहा कि अभिभाषण पिछले पांच वर्ष में सरकार की विफलताओं पर पर्दा डालने का प्रयास है।

उन्होंने कहा कि परदे में रहने दो, पर्दा न उठाओ, पर्दा जो उठ गया तो भेद खुल जाएगा। फईम ने कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराधों का मामला उठाया और हकीकत में प्रदेश में बुलडोजर राज चल रहा है।

सत्ता पक्ष के नीलकंठ तिवारी और विपक्ष के विनोद चतुर्वेदी, संग्राम यादव, शिवप्रताप यादव, जाहिद बेग समेत कई सदस्यों ने अभिभाषण पर चर्चा में भाग लिया।