लखनऊ : केंद्रीय हज कमेटी के एक पूर्व वरिष्ठ सदस्य ने हज विभाग को अल्पसंख्यक मंत्रालय से हटाकर फिर से विदेश मंत्रालय के अधीन किए जाने की मांग करते हुए इस सिलसिले में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।

केंद्रीय हज कमेटी के पूर्व सदस्य हाफिज नौशाद आजमी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि 2014 में हज विभाग को विदेश मंत्रालय से हटाकर अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सुपुर्द कर दिया गया था। उन्होंने शिकायत की कि ऐसा होने से हज यात्रियों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।

आजमी ने 23 फरवरी को लिखे गए पत्र में कहा कि हज का 80 प्रतिशत काम विदेश मंत्रालय करता है और बाकी का काम केंद्रीय हज कमेटी और राज्य की हज समितियां करती हैं, ऐसे में हज की ज़िम्मेदारी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को दिए जाने से विभिन्न संस्थाओं के बीच सही तालमेल नहीं बन पा रहा है।

उन्होंने पत्र में आरोप लगाया कि केंद्रीय हज कमेटी और राज्य हज कमेटियों के गठन में भी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा हज कानून-2002 की अवहेलना की जा रही है। केंद्रीय हज कमेटी पिछले सात माह से गठित नहीं हुई है, जबकि कानूनन कमेटी का कार्यकाल समाप्त होने के चार माह पहले नई समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी जानी चाहिए।