इंदौर (मप्र), 18 नवंबर (भाषा) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के इंदौर पहुंचने से महज 10 दिन पहले शहर में मिठाई-नमकीन की एक दुकान के पते पर भेजे गए धमकी भरे पत्र को लेकर पुलिस ने बृहस्पतिवार को अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

पुलिस के मुताबिक, डाक से भेजे गए पत्र में वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र किया गया है और इस महीने के आखिर में ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के दौरान इंदौर के अलग-अलग स्थानों पर भीषण बम धमाकों तथा राहुल गांधी व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को जान से मारने की धमकी दी गई है।

पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जूनी इंदौर क्षेत्र में मिठाई-नमकीन की एक दुकान के पते पर भेजे गए पत्र के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड विधान की धारा 507 (अज्ञात व्यक्ति द्वारा आपराधिक धमकी) के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने धमकी भरे पत्र की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, हमें संदेह है कि यह हरकत किसी शरारती तत्व की है।’’

जूनी इंदौर थाने के प्रभारी योगेश सिंह तोमर ने बताया कि धमकी भरा पत्र भेजने के मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है।

इस बीच, धमकी भरे पत्र की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। पत्र में 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इस जुल्म के खिलाफ किसी भी सियासी पार्टी ने आवाज नहीं उठाई। पत्र में कमलनाथ के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए धमकी दी गई है कि राहुल गांधी की इंदौर यात्रा के दौरान कमलनाथ को बहुत जल्द गोली मार दी जाएगी और राहुल गांधी को भी उनके दिवंगत पिता राजीव गांधी के पास पहुंचा दिया जाएगा।

पुलिस आयुक्त के मुताबिक, इस पत्र में इंदौर में बम धमाकों की धमकी तो दी गई है, लेकिन इसमें गांधी को बम से उड़ाने की बात सीधे तौर पर नहीं की गई है।

सोशल मीडिया पर डाकघर की मुहर लगे लिफाफे की तस्वीर भी सामने आई है जिसमें पत्र भेजने वाले के रूप में रतलाम शहर के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक चैतन्य कश्यप का नाम लिखा गया है। भाजपा विधायक ने कहा कि उन्हें बदनाम करने के षड्यंत्र करने के तहत पत्र प्रेषक के तौर पर उनका नाम लिखा गया है।

मुंबई यात्रा पर गए कश्यप ने फोन पर पीटीआई-भाषा से कहा, "मैंने रतलाम और इंदौर के आला पुलिस अधिकारियों से अनुरोध किया है कि धमकी भरे पत्र के मामले की उच्चस्तरीय जांच कर आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाए।"

उधर, प्रदेश कांग्रेस सचिव नीलाभ शुक्ला ने मांग की कि धमकी भरे पत्र की गंभीरता से जांच की जाए और गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान इंदौर में सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाए जाएं।

गौरतलब है कि इस यात्रा में शामिल लोगों का इंदौर के उस खालसा स्टेडियम में 28 नवंबर को रात्रि विश्राम प्रस्तावित है जो कुछ दिन पहले कमलनाथ से जुड़े विवाद का गवाह बन चुका है।

इस स्टेडियम में आठ नवंबर को गुरु नानक जयंती के धार्मिक कार्यक्रम में कमलनाथ के स्वागत-सम्मान के बाद मशहूर कीर्तनकार मनप्रीत सिंह कानपुरी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों की हिंसा की ओर स्पष्ट इशारा किया था और आयोजकों पर तीखे शब्दों में मंच से नाराजगी जताई थी।

विवाद के बाद भाजपा के स्थानीय नेताओं ने घोषणा की है कि अगर गांधी की अगुवाई वाली भारत जोड़ो यात्रा के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इस स्टेडियम में कदम रखा, तो भाजपा कार्यकर्ता काले झंडे दिखाकर उनका विरोध करेंगे।

वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों में कमलनाथ की भूमिका को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा अकसर आरोप लगाया जाता है, लेकिन कमलनाथ और कांग्रेस के अन्य आला नेताओं द्वारा इसे सिरे से खारिज किया जाता रहा है।