भोपाल: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि महिलाओं को आर्थिक रुप से स्वावलंबी बनाना ही उनके सशक्तिकरण का प्रभावी तरीका है।



मुर्मू ने यहां महिला स्वयं सहायता समूहों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए महिलाओं की अधिकतम भागीदारी की जरुरत है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ आर्थिक आत्मनिर्भरता महिलाओं को सशक्त बनाने का एक प्रभावी तरीका है। आर्थिक और सामाजिक आत्मनिर्भरता एक दूसरे के पूरक हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में स्वयं सहायता समूह प्रभावी योगदान दे सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में चार लाख से अधिक महिला स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समूहों में महिलाओं की अधिक भागीदारी से अर्थव्यवस्था, समाज और देश को मजबूती मिलेगी।



राष्ट्रपति ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को एक जन आंदोलन बनाने का विचार सराहनीय है। मुर्मू ने कहा, ‘‘भारत को एक आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने के लिए महिलाओं की अधिकतम भागीदारी आवश्यक है। हमें एक ऐसा वातावरण बनाना है जिसमें महिलाएं स्वतंत्र और निडर महसूस करें और अपनी क्षमता का पूरा उपयोग कर सकें।’’ राष्ट्रपति ने महिलाओं से एक दूसरे को प्रेरित करने और मदद करने, एक दूसरे के अधिकारों के लिए एकसाथ आवाज उठाने और प्रगति के पथ पर एकसाथ बढ़ने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ महिला स्वयं सहायता समूह महिलाओं को एकसाथ लाने के लिए अच्छे मंच हैं।’’ मुर्मू ने कहा कि मध्य प्रदेश में रानी दुर्गावती, रानी कमलापति और अहिल्याबाई होल्कर जैसी महिला नेताओं की समृद्ध परंपरा रही है। राष्ट्रपति ने मध्य प्रदेश की निवासी एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और लोकतंत्र को दिशा देने में उनकी भूमिका का भी उल्लेख किया।



उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा की तरह काम कर रहीं जानीमानी आदिवासी कलाकार भूरी बाई और दुर्गा बाई के साथ साथ रतलाम की डॉ. लीला जोशी अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा हो सकती हैं।



उन्होंने पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त करने वाली इन महिलाओं का नाम लेते हुए कहा कि कार्यक्रम में भाग लेने वाली महिलाएं इनसे प्रेरणा ले सकती हैं। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ अगर वे ये ख्याति प्राप्त कर सकती हैं तो आप भी ऐसा कर सकती हैं क्योंकि वे आपके जैसी ही हैं। आपके पास समान स्तर का साहस और इच्छाशक्ति है।’’ उन्होंने कहा कि महिलाएं समाज और आर्थिक नीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और यह हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है कि हम उनकी प्रगति सुनिश्चित करें और उनके साथ सम्मान से पेश आएं।

मुर्मू ने कहा कि भारत एक समय में विश्व गुरु माना जाता था और यदि लोग मिलजुल कर कार्य करें और सरकार का सहयोग करें तो देश वह दर्जा फिर से प्राप्त कर सकता है।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के विकास में ही देश का विकास निहित है और उन्हें उम्मीद है कि महिलाओं के योगदान से निकट भविष्य में ही भारत एक विकसित राष्ट्र के रुप में उभरेगा।



उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि आदिवासी महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पाद ‘ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (ट्राइफेड) के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुंच रहे हैं।



राष्ट्रपति ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं में साक्षरता बढ़ रही है जो अच्छी खबर है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी बहनें और बेटियां अपनी आजीविका कमाने और आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। इसके परिणामस्वरूप ग्रामीण परिवारों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है।’’ राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं की शिक्षा महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर एक महिला शिक्षित होती है तो वह यह सुनिश्चित करती है कि परिवार के अन्य लोगों को भी शिक्षा मिले जो पुरुषों के मामले में नहीं होता है।

कार्यक्रम को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संबोधित किया।