इंदौर (मध्यप्रदेश): इंदौर में कोविड-19 के मरीज को बिस्तर नहीं मिलने पर आक्रोशित उसके परिजनों ने यहां सोमवार देर रात एक निजी अस्पताल में जमकर हंगामा किया और तोड़-फोड़ की।

चश्मदीदों ने बताया कि यह घटना पलासिया क्षेत्र के ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल में सामने आई।

अस्पताल के संचालक अनिल बंडी ने मंगलवार को "पीटीआई-भाषा" को बताया, "हमारे स्टाफ ने मरीज के परिजनों से कहा कि बिस्तर खाली नहीं होने के चलते हम फिलहाल उसे भर्ती नहीं कर सकते। इस बात पर मरीज के परिजनों ने हमारे स्टाफ से विवाद करते हुए मेज की वे पारदर्शी शीट तोड़ दीं जो कोविड-19 से बचाव के लिए लगाई गई थीं।"

उन्होंने बताया कि ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल में कोविड-19 के मरीजों के लिए कुल 90 बिस्तर हैं जो पहले ही भर चुके हैं।

बिस्तर नहीं मिलने पर मरीज के परिजनों ने जिस ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल में तोड़-फोड़ की, वह पलासिया पुलिस थाने से चंद कदमों की दूरी पर है।

थाने के प्रभारी संजय बैस ने बताया कि तोड़-फोड़ की घटना को लेकर अस्पताल प्रबंधन की ओर से फिलहाल कोई प्राथमिकी नहीं दर्ज कराई गई है। उन्होंने बताया कि उस मरीज की पहचान नहीं हो सकी है जिसके परिजनों ने इस घटना को अंजाम दिया।

बहरहाल, यह घटना बानगी भर है कि सूबे में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर में संक्रमितों को अस्पतालों में एक अदद बिस्तर हासिल करने में किस कदर मुश्किलें पेश आ रही हैं, जबकि महामारी की दूसरी लहर लगातार जोर पकड़ रही है।

स्वास्थ्य विभाग के नियमित बुलेटिन में बताया गया कि पिछले 24 घंटे के दौरान इंदौर जिले में संक्रमण के 1,552 नये मामले सामने आए जो दैनिक स्तर पर अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। यहां संक्रमण की दर 18 प्रतिशत है। बुलेटिन के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान जिले में छह मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 80,986 मामले सामने आए हैं।इनमें से 1,011 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।