भोपाल, 23 जनवरी । केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को रैली निकालकर यहां राजभवन का घेराव करने जा रहे उग्र कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले छोड़े एवं पानी की बौछारें कीं। यह जानकारी पुलिस अधिकारी ने दी है।

उन्होंने कहा कि इस घटना में छह पुलिसकर्मी सहित आधा दर्जन से अधिक लोगों को चोटें आई हैं, जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह सहित करीब 106 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। यह घटना शहर के रोशनपुरा चौराहे के नजदीक जीटीबी परिसर के पास हुई।

यह रैली मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में शहर के जवाहर चौक से निकाली जा रही थी और इसमें बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए।

टीटी नगर इलाके के नगर पुलिस अधीक्षक उमेश तिवारी ने बताया, ‘‘छह पुलिसकर्मियों सहित एक दर्जन से अधिक लोगों को चोटें आई हैं। एक व्यक्ति के सिर में चोट लगी है। वह प्रदर्शनकारी नहीं था।’’ उन्होंने बताया कि राजभवन की ओर कूच कर रहे इन प्रदर्शनकारियों को जब पुलिस ने रोका, तो वे उग्र हो गये और पुलिस पर पथराव करने लगे, जिसके चलते पुलिस ने उनको तितर-बितर करने के लिए पहले पानी की बौछारें कीं और फिर आंसू गैस के गोले छोड़े और अंत में हल्का लाठीचार्ज किया।

तिवारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, अवरोधक तोड़े और पुलिस पर हमला किया जिसकी वजह से पुलिस को कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उन पर हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा।

इस घटना के तुरंत बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा नीत प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘किसानों के समर्थन में आज (शनिवार) मध्यप्रदेश के भोपाल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हजारों किसान भाइयों व कांग्रेसजनों पर शिवराज सरकार के इशारे पर किये गये बर्बर लाठीचार्ज, आंसू गैस व वाटर कैनन छोड़े जाने की व गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस लाठीचार्ज में कई किसान भाइयों, कांग्रेसजनों, महिलाओं व मीडिया के साथियों को चोटें आयी हैं। उनके स्वस्थ होने की कामना करता हूं। किसानों के समर्थन में हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम ऐसे दमन से डरने-दबने वाले नहीं है।’’ हालांकि, नगर पुलिस अधीक्षक तिवारी ने इस बात से इनकार किया कि प्रदर्शन का दमन करने के लिए बल का प्रयोग किया गया।

उन्होंने कहा कि कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद हिरासत में लिए गये सभी प्रदर्शनकारियों को छोड़ दिया गया।

इससे पहले, जवाहर चौक से रैली शुरू करने से पहले वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने आरोप लगाया कि केन्द्र के नए तीन कृषि कानूनों से खेती का निजीकरण होगा और अनुबंध खेती के माध्यम से किसान उद्योगपतियों के गुलाम एवं बंधुआ मजदूर बन जाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘इन कानूनों से मंडी खत्म हो जायेगी, एमएसपी खत्म हो जाएगी, खेती ठेके पर चली जायेगी और खाद-बीज के मालिक व्यापारी बन जाएंगे। ’’ कमलनाथ ने कहा कि इससे कृषि क्षेत्र और किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को किसानों की मांग मानते हुए इन किसान विरोधी तीनों कानूनों को तत्काल वापस लेना चाहिये।

कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस किसानों के हर संघर्ष में उनके साथ है और जब तक किसानों की मांगे मान नहीं ली जाती, तब तक हमारा यह संघर्ष जारी रहेगा।