इंदौर (मध्यप्रदेश) : कांग्रेस के आगामी संगठनात्मक चुनावों से पहले, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने मंगलवार को कहा कि अगर गांधी परिवार कांग्रेस के नेतृत्व से हट गया, तो पार्टी इस कदर बिखर जाएगी कि इसका वजूद बचाना मुश्किल हो सकता है।

तन्खा ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा,‘‘इस बात पर दो राय नहीं हैं कि समूची कांग्रेस पार्टी गांधी परिवार के साथ है और इस परिवार के प्रति पार्टी की वफादारी है….क्योंकि हमें पता है कि अगर गांधी परिवार नेतृत्व से हट जाएगा तो पार्टी इतनी बिखर जाएगी कि इसे हम शायद बचा भी नहीं सकेंगे।’’

राज्यसभा सांसद ने गांधी परिवार को ‘‘कांग्रेस को जोड़े रखने वाला कारक’’ बताते हुए कहा कि इस परिवार के नेतृत्व की वजह से ही पार्टी नरेंद्र मोदी सरकार से लड़ पा रही है। उन्होंने कहा,‘‘विपक्षी नेताओं में आज राहुल गांधी ही हैं, जो प्रधानमंत्री मोदी की सबसे ज्यादा आलोचना करते हैं।’’

तन्खा ने हालांकि यह भी कहा कि कांग्रेस में सितंबर के दौरान संगठनात्मक चुनाव होने हैं और पार्टी खुद तय करेगी कि शीर्ष स्तर पर उसका नेतृत्व कौन करेगा?

गौरतलब है कि तन्खा समेत 23 वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने अगस्त 2020 में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखा था और पार्टी में संगठनात्मक बदलाव करने के साथ ही पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष की मांग की थी। तब से इन नेताओं के समूह को "जी-23" कहा जाता है।

इस समूह के मुखर सदस्य रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने मई में कांग्रेस छोड़ने की घोषणा करने के बाद समाजवादी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा चुनाव का पर्चा दाखिल किया था।

इस घटनाक्रम पर संक्षिप्त प्रतिक्रिया में तन्खा ने कहा कि सिब्बल ने ‘‘स्वेच्छा से’’ यह कदम उठाया था और उन्हें कांग्रेस ने पार्टी छोड़ने को नहीं कहा था।

उन्होंने भाजपा पर महाराष्ट्र की शिवसेना नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिराने के लिए सुनियोजित अभियान चलाने का आरोप लगाया और कहा,’‘प्रजातंत्र में सरकारें सदन में बनती और बिगड़ती हैं। लेकिन भाजपा ने प्रजातंत्र को विकृत करते हुए नया रुझान तय कर दिया है जिससे होटलों में बंधकों की तरह रखे जा रहे विधायकों की मदद से सरकारें बन-बिगड़ रही हैं।’’

तन्खा ने अपने गृहराज्य मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न मंत्रिमंडल बैठक को स्थानीय निकाय चुनावों की जारी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने इस बैठक में खासकर शहरी क्षेत्रों से जुड़े निर्णय लेकर इन्हें सार्वजनिक किया ताकि सत्तारूढ़ दल इन चुनावों में अपनी खिसकती जमीन बचा सके।

तन्खा ने मांग की कि राज्य चुनाव आयोग को चाहिए कि वह स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार को मंत्रिमंडल बैठक के निर्णय वापस लेने का आदेश दे।